नई दिल्ली, 29 जून : राजधानी के धौलाकुंआ इलाके से हटाए गए रेहड़ी पटरी वालों ने दिल्ली मेट्रो पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राजस्थान बस स्टैंड के पास से अतिक्रमण के नाम पर निजी स्वार्थ को लेकर डीएमआरसी, दिल्ली कैंट बोर्ड के टाउन वेंडिंग कमिटी सदस्य एसडीएम, निगम के अधिकारियों ने करीबन तीन दशक से यहां काम कर रहे लोगों को हटा दिया जबकि वह यातायात में बाधक नहीं थे।
स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 आजीविका का संरक्षण व विक्रय अधिनियम, दिल्ली की वेंडर स्कीम 2019, स्ट्रीट वेंडर्स रूल 2017 का उल्लंघन बताते हुए रेहड़ी पटरी वालों ने कहा कि एक तरफ दिल्ली कैंट बोर्ड द्वारा इनका सर्वे किया गया दूसरी तरफ इनको उजाड़ दिया गया जबकि यह अनैतिक व असंवैधानिक है।
यहां पटरी लगाने वालों ने बताया कि दुकानें मेट्रो लाइन के बराबर एरो सिटी से पिंक लाइन को जोडऩे वाले पैदल एस्केलेटर से 70 फुट की दूरी पर डीडीए की जमीन पर है फिर भी मेट्रो ने दुकानें हटाई हैं। जबकि धौला कुआं मेट्रो स्टेशन पर दिन रात कंपनियों की दुकानें चलती हैं। वह ऊंचे दामों में कोल्ड डिं्रक्स, पानी, चिप्स बेचते हैं हम किफायती दरों पर बेचते हैं इसीलिए हमारी दुकानों को हटाया गया है। जी-20 के नाम पर गरीबों से अत्याचार बर्दाश्त काबिल नहीं हैं, आयोजन में शामिल होने वाले वोट नहीं देंगे, ये गरीब परिवार जरूर देंगे इसलिए यहां दुकानों को दोबारा लगवाने की अनुमति दी जाए।