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बांग्लादेश में सियासी भूचाल: युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या पर अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप

बांग्लादेश, 24 दिसंबर: बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर गहरे संकट में फंसती नजर आ रही है। युवा नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया है। इस बीच हादी के परिवार ने अंतरिम सरकार पर सीधे और गंभीर आरोप लगाए हैं। हादी के बड़े भाई अबू बकर ने बयान जारी कर कहा कि उनके भाई की हत्या एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद आगामी आम चुनावों को रद्द कराना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी घटना के लिए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार जिम्मेदार है। अबू बकर के आरोपों के बाद देश की सियासत में हलचल और तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, वहीं राजधानी समेत कई शहरों में प्रदर्शन जारी हैं। इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा कर दिया है।

20 साल बाद साथ आए ठाकरे ब्रदर्स, BMC चुनाव के लिए शिवसेना (UBT)–MNS का बड़ा गठबंधन

मुंबई, 24 दिसंबर: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा और ऐतिहासिक मोड़ देखने को मिला है। करीब 20 साल बाद ठाकरे परिवार एक बार फिर सियासी मंच पर साथ आया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए गठबंधन का औपचारिक एलान कर दिया है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक दूरी अब खत्म होती नजर आ रही है। दोनों दलों ने साझा रणनीति के तहत मुंबई की सत्ता में वापसी का संकल्प लिया है। गठबंधन का मकसद बीएमसी में भाजपा और अन्य दलों को सीधी चुनौती देना बताया जा रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, मराठी अस्मिता और मुंबई के स्थानीय मुद्दों को केंद्र में रखकर यह गठबंधन चुनावी मैदान में उतरेगा। बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे ब्रदर्स का यह साथ आना न सिर्फ मुंबई, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। आने वाले दिनों में सीट बंटवारे और संयुक्त चुनावी घोषणापत्र को लेकर दोनों दलों के बीच विस्तृत बातचीत होने की संभावना है।

ISRO ने रचा इतिहास, ‘बाहुबली’ LVM3 से अब तक का सबसे भारी विदेशी सैटेलाइट ब्लूबर्ड-2 सफलतापूर्वक लॉन्च

श्री हरिकोटा, 24 दिसंबर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इसरो के भारी-भरकम रॉकेट LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), जिसे ‘बाहुबली’ के नाम से भी जाना जाता है, ने अमेरिकी कंपनी का सबसे भारी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। तकनीकी कारणों और लॉन्च पैड क्षेत्र में मिले मलबे के चलते प्रक्षेपण में करीब 90 सेकंड की देरी हुई, लेकिन सभी सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद रॉकेट को निर्धारित कक्षा की ओर रवाना किया गया। इसरो अधिकारियों के मुताबिक, ब्लूबर्ड-2 अब तक LVM3 के जरिए लॉन्च किया गया सबसे भारी विदेशी सैटेलाइट है। यह मिशन भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता और वैश्विक कमर्शियल लॉन्च मार्केट में इसरो की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट का उपयोग हाई-स्पीड संचार सेवाओं और वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। मिशन की सफलता पर इसरो वैज्ञानिकों में उत्साह का माहौल है। इस ऐतिहासिक लॉन्च के साथ ही भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह न केवल स्वदेशी बल्कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों का भी भरोसेमंद साझेदार बन चुका है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में सड़कों पर उतरी विहिप, उच्चायोग के पास हजारों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर कथित अत्याचार के खिलाफ सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में देशभर में विरोध प्रदर्शन किए गए। इसी कड़ी में दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के पास हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और वहां की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। विहिप ने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश उच्चायोग से कुछ मीटर पहले ही रोक दिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। विहिप नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वहीं, प्रदर्शन के चलते चाणक्यपुरी और आसपास के इलाकों में कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित रहा।

भारत में विरोध प्रदर्शनों के बाद कूटनीतिक हलचल, बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारत में बांग्लादेशी राजनयिक मिशनों के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में हलचल तेज हो गई है। बांग्लादेश सरकार ने राजनयिक सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। इस घटनाक्रम को अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में अहम माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने भारतीय उच्चायुक्त से मुलाकात कर नई दिल्ली, कोलकाता और अगरतला स्थित बांग्लादेशी उच्चायोगों की सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। बैठक के दौरान उन्होंने राजनयिक मिशनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सूत्रों का कहना है कि भारत में हुए हालिया विरोध प्रदर्शनों के बाद यूनुस सरकार सतर्क हो गई है और किसी भी तरह के कूटनीतिक तनाव को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है। वहीं, दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखने और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए राजनयिक स्तर पर संपर्क जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों को संतुलित रखने की दिशा में उठाया गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

जर्मनी में राहुल गांधी का बयान: ‘चुनावी तंत्र में गड़बड़ी’ पर BJP का पलटवार, बोली– कांग्रेस को भारत की प्रगति से नफरत

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जर्मनी के बर्लिन में दिए गए बयान को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत के चुनावी तंत्र पर सवाल उठाते हुए कथित गड़बड़ियों की बात कही, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान को देश की छवि खराब करने वाला करार देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को देश की प्रगति से नफरत है और वे बार-बार भारत में अराजकता फैलाने की भाषा बोलते हैं। प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारत का चुनावी तंत्र दुनिया के सबसे मजबूत और पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रणालियों में से एक है, जिस पर सवाल उठाकर कांग्रेस जनता का भरोसा कमजोर करना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनावों में हार के बाद कांग्रेस विदेशों में जाकर देश के खिलाफ बयानबाजी कर रही है। इस पूरे विवाद पर कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राहुल गांधी के बयान ने एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी टकराव को तेज कर दिया है।

बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को राज्यपाल की मंजूरी, अब 18 सदस्यीय ट्रस्ट के अधीन होगा मंदिर प्रबंधन

वृंदावन, 22 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रशासन और व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। राज्यपाल ने ‘श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025’ को मंजूरी दे दी है। इस कानून के लागू होने के बाद अब मंदिर की संपूर्ण देखरेख, संचालन और व्यवस्थाएं 18 सदस्यीय ट्रस्ट द्वारा की जाएंगी। सरकार का कहना है कि यह कदम श्रद्धालुओं की सुविधा, पारदर्शिता और मंदिर की परंपराओं की रक्षा के लिए उठाया गया है। अब तक मंदिर प्रबंधन को लेकर अव्यवस्था, भीड़ नियंत्रण की कमी और आर्थिक पारदर्शिता जैसे मुद्दे लगातार सामने आते रहे हैं। विशेष रूप से पैसे लेकर कराए जाने वाले VIP दर्शन, विशेष सुविधा के नाम पर आम भक्तों के साथ भेदभाव और ठाकुर जी को निर्धारित समय पर विश्राम न मिलने पर सवाल उठते रहे हैं। इन सभी बातों को लेकर अदालत तक मामला पहुंचा था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि पैसे लेकर VIP दर्शन कराना और भगवान को उचित समय पर विश्राम न देना आस्था का शोषण है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि धार्मिक स्थलों पर व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जिससे भगवान की सेवा और श्रद्धालुओं की आस्था दोनों का सम्मान बना रहे। अदालत की इन्हीं टिप्पणियों के बाद मंदिर प्रशासन में सुधार की मांग और तेज हो गई थी। नए कानून के तहत गठित ट्रस्ट में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे, ताकि मंदिर संचालन में संतुलन बना रहे। ट्रस्ट की जिम्मेदारी होगी कि दर्शन व्यवस्था सुचारु हो, भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, मंदिर की आय-व्यय में पारदर्शिता रहे और धार्मिक परंपराओं का पूरी तरह पालन हो। साथ ही, ठाकुर जी की सेवा, पूजा-पाठ और विश्राम का समय भी नियमबद्ध तरीके से तय किया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून किसी की आस्था में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि मंदिर को बेहतर ढंग से संचालित करने की व्यवस्था करता है। सरकार के मुताबिक, ट्रस्ट व्यवस्था लागू होने से आम श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी और मंदिर में अव्यवस्था की शिकायतें कम होंगी। वहीं, इस फैसले को लेकर कुछ संत समाज और सेवायतों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे सुधार की दिशा में जरूरी कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे परंपरागत व्यवस्था में हस्तक्षेप मान रहे हैं। बावजूद इसके, सरकार का दावा है कि सभी पक्षों से संवाद कर मंदिर की गरिमा और परंपराओं को सुरक्षित रखा जाएगा। कुल मिलाकर, श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जिसका सीधा असर आने वाले समय में मंदिर की व्यवस्था और श्रद्धालुओं के अनुभव पर देखने को मिलेगा।

बिहार कैबिनेट विस्तार को लेकर हलचल तेज, पीएम मोदी और अमित शाह से मिले सीएम नीतीश कुमार

नई दिल्ली, 22 दिसंबर: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नई सरकार के गठन के बाद राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस अहम बैठक को बिहार में संभावित कैबिनेट विस्तार और सरकार के अगले रोडमैप से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बिहार के विकास एजेंडे पर विस्तार से चर्चा हुई। राज्य को केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता, बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार सृजन और केंद्र–राज्य के बेहतर समन्वय जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए गए। इसके अलावा राजग सरकार की राजनीतिक स्थिरता और आगामी रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। नीतीश कुमार की यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही नए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि, कैबिनेट विस्तार की तारीख को लेकर अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इस बैठक को उसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

अरावली पर फिर सुप्रीम कोर्ट की नजर? ‘100 मीटर टेस्ट’ पर पुनर्विचार की मांग

नई दिल्ली,22 दिसंबर: अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। पर्यावरण कार्यकर्ता हितेंद्र गांधी ने अरावली रेंज से जुड़े मामले में शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर ‘100-मीटर टेस्ट’ नियम की समीक्षा करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इस नियम के लागू होने से अरावली क्षेत्र का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा कानूनी संरक्षण से बाहर हो सकता है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचने की आशंका है। हितेंद्र गांधी ने इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पत्र लिखते हुए आग्रह किया है कि अरावली जैसे संवेदनशील पारिस्थितिकी क्षेत्र की रक्षा के लिए अदालत अपने पूर्व आदेश पर पुनर्विचार करे। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति को भी पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अरावली पर्वतमाला न केवल जल संरक्षण और जैव विविधता के लिए अहम है, बल्कि उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और मरुस्थलीकरण को रोकने में भी इसकी बड़ी भूमिका है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर दोबारा सुनवाई होती है या नहीं, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

रेखा की सौतेली मां थीं अपने दौर की सुपरस्टार, अरबों की दौलत के बावजूद पति ने कर दिया कंगाल; दर्दनाक हालात में हुई मौत

हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री रेखा अपनी अदाकारी और रहस्यमयी व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं। करोड़ों दिलों पर राज करने वाली रेखा की जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा अध्याय भी है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। रेखा से भी ज्यादा पॉपुलर कभी उनकी सौतेली मां रही थीं, जिनका नाम था पुष्पवल्ली। पुष्पवल्ली दक्षिण भारतीय सिनेमा की बड़ी स्टार थीं और अपने समय में उनकी गिनती सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अभिनेत्रियों में होती थी। बताया जाता है कि वे करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन थीं। शोहरत, पैसा और नाम—सब कुछ उनके पास था। लेकिन उनकी निजी जिंदगी बेहद दर्दनाक रही। पुष्पवल्ली की शादी अभिनेता जेमिनी गणेशन से हुई थी। शादी के बाद हालात बदलते चले गए। आरोप है कि पति की लापरवाही और रिश्तों में खटास के चलते पुष्पवल्ली आर्थिक और मानसिक रूप से टूटती चली गईं। जो अभिनेत्री कभी स्टारडम की ऊंचाइयों पर थीं, वही धीरे-धीरे गुमनामी और तंगी में जीने को मजबूर हो गईं। आखिरकार पुष्पवल्ली की मौत भी बेहद दर्दनाक हालात में हुई। कहा जाता है कि जीवन के आखिरी दिनों में उन्हें न तो वह सम्मान मिला और न ही वह सुख, जिसकी वे हकदार थीं। इस पूरे संघर्ष का असर रेखा की जिंदगी पर भी पड़ा, जिसने बचपन में ही अभाव और अकेलेपन का सामना किया। रेखा की सौतेली मां की यह कहानी बताती है कि फिल्मी दुनिया की चमक-दमक के पीछे कितनी गहरी तकलीफ और संघर्ष छुपा होता है।