Headline
नारद बाबा के आश्रम पर श्री सहस्त्रचण्डी महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा की तैयारी पूरी
दिल्ली की मंत्री आतिशी का अनशन तीसरे दिन भी जारी, कहा हरियाणा से नहीं आ रहा पानी
लोकसभा का सत्र सोमवार से, महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सदन में शोरगुल के आसार
महाराष्ट्र: नीट पेपर लीक मामले में दो शिक्षक गिरफ्तार
अब मोतिहारी में गिरा निर्माणाधीन पुल, एक हफ्ते में तीसरी घटना
इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल
बिहार में 26 जून से होने वाली शिक्षक सक्षमता परीक्षा स्थगित, जल्द घोषित की जाएगी नई तिथि
निष्पक्षता से प्रश्न पत्र लीक मामले की हो जांच, नहीं तो राजद करेगी खुलासा : तेजस्वी
बिहार के सीवान जिले में गंडक नहर पर बना 30 फीट लंबा पुल गिरा

सहकारिता के माध्यम से प्रमाणिक बीजों का उत्पादन हो : अमित शाह

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर: गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सहकारी समितियों के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से फसलों के बीज उत्पादन पर जोर देते हुए कहा कि इससे देश की जरुरतों को पूरा किया जा सकेगा और दुनिया को इनका निर्यात भी किया जा सकेगा जिसका सबसे अधिक लाभ किसानों को मिलेगा।

श्री शाह ने भारतीय बीज सहकारी समिति द्वारा ‘सहकारी क्षेत्र में उन्नत एवं पारंपरिक बीजोत्पादन’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में वैज्ञानिक ढंग से तैयार बीज भरपूर मात्रा में किसानों को उपलब्ध नहीं है जिससे नुकसान हो रहा है। प्रमाणिक बीज किसानों तक उपलब्ध कराने के लिए इसका उत्पादन बढाना होगा। प्रमााणिक बीज से किसानों की पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है।

उन्होंने कहा कि परम्परागत बीज के संरक्षण तथा इसके उत्पादन बढाने की जरुरत है क्योंकि इसमें भारी मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हैं जिसकी विश्व में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) के माध्यम से आसानी से वैज्ञानिक ढंग से बीज उत्पादन को बढावा दिया जा सकता है जिसका पूरा लाभ किसानों काे मिलेगा। निजी क्षेत्र में जो बीज तैयार किया जाता है उसका लाभ छोटे और सीमांत किसानों को नहीं मिलता है।

उन्होंने कहा कि देश में सालाना करीब 465 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है जिसमें सरकारी क्षेत्र के बीजों का हिस्सा केवल 165 लाख क्विंटल ही है। सहकारिता के माध्यम से देश की जरुरतों का केवल एक प्रतिशत हिस्सा ही उपलब्ध हो पाता है। उन्होंने कहा कि तीन गुना अधिक बीज की जरुरत है जिसे सहकारिता समितियों से पूरा किया जा सकता है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सहकारिता के माध्यम से देश में अनुसंधान एवं विकास के बल पर आधुनिक तकनीक से विश्व स्तरीय बीज तैयार किया जा सकेगा। इसके लिए उपयुक्त तंत्र विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश के अलग अलग हिस्सों में परम्परागत बीजों का उत्पादन किया जाता है लेकिन इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि बीजों के विकास में जलवायु परिवर्तन तथा आनुवांशिक का पूरा ध्यान रखा जा रहा है जिससे लोगों को स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न मिल सके। उन्होंने कहा कि देश में परम्परागत किस्म के मोटे अनाजों के कुछ ऐसे बीज उपलब्ध हैं जिसकी आपूर्ति विश्व को की जा सकती है। इस अवसर पर सहकारिता क्षेत्र के नेता औैर वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top