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राघव चड्ढा के खिलाफ राज्यसभा में लाया जा सकता है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

नई दिल्ली, 08 अगस्त: राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सासंद राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी व नरहरि अमीन द्वारा यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है।

आरोप यह है कि राघव की ओर से दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले प्रस्ताव में सस्मित पात्रा, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी व नगालैंड के राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया गया। जबकि इनमें से कुछ सांसदों ने सोमवार रात सदन की कार्रवाई के दौरान बताया कि उन्होंने इस पर हस्‍ताक्षर ही नहीं किए हैं।

संसद सदस्यों की सहमति के बिना उनका नाम लेना संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है। वही राघव चड्ढा का कहना है, नोटिस आने दीजिए मैं जवाब दे दूंगा।

राघव ने कहा कि इस बिल पर हम संसद में हार गए, लेकिन कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ फिर से अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाएगी।

वहीं, राज्यसभा के भीतर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इस विषय पर उपसभापति से उचित कार्रवाई करने की मांग की है। शाह ने कहा कि दो सदस्यों, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा और भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि उन्होंने राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

शाह ने कहा कि ऐसी स्थिति में इस बात की जांच होनी चाहिए कि उनके हस्ताक्षर किसने किए। अमित शाह ने कहा कि जब इन सांसदों ने हस्ताक्षर ही नहीं किए तो हस्ताक्षर किसने किए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि संसद में भी धोखाधड़ी हो रही है इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस विषय को प्रीविलेज कमेटी के पास भेजा जाए। वह इसी संबंध में राज्यसभा के चार सदस्यों ने उपसभापति को अपनी शिकायत भेजी है। इस पूरे विषय पर उपसभापति का कहना है कि इसकी जांच की जाएगी।

गौरतलब है कि सोमवार रात राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान ही थंबीदुरई, सस्मित पात्रा और फांगनोन कोन्याक ने सदन में कहा कि हमने कोई भी मोशन मूव नहीं किया, न ही साइन किया है।

दरअसल, इन सांसदों ने दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को भेजने के लिए आप सांसद की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर अपने फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का आरोप लगाया है। अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई का कहना है कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में उनका नाम कैसे शामिल किया गया। थंबीदुरई ने उनके जाली हस्ताक्षर किए जाने की आशंका जताई है। कुछ ऐसा ही बीजू जनता दल के सांसद डॉ सस्मित पात्रा ने कहा।

उन्होंने कहा, राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का उल्लेख किया गया था। मेरी सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता।

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