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मुख्यमंत्री ने किया मिशन शक्ति के चौथे चरण का आगाज, बोले, इच्छा शक्ति हो तो महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं

लखनऊ, 14 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास से नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति के चौथे चरण का आगाज महिला सशक्तिकरण रैली को रवाना कर किया, जो राजधानी के विभिन्न पड़ाव से होते हुए 1090 चौराहे पर समाप्त हुई। रैली के जरिये केंद्र और राज्य सरकार की ओर से महिलाओं-बेटियों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से रूबरू कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि खुद में इच्छा शक्ति, सरकार और प्रशासन का समर्थन हो तो महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में वर्ष 2020 में महिला संबंधी अपराधों को नियंत्रित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसकी थीम थी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन। तीन मुद्दों को लेकर शुरू हुआ कार्यक्रम आज मिशन शक्ति के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम ने प्रदेश में लोकप्रियता हासिल करने के साथ पूरे देश में महिला संबंधी अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों को सजा दिलाने वाले राज्यों में अग्रणी राज्य बन गया।

मिशन शक्ति की सफलता का ही परिणाम है कि भारत सरकार ने भी महिला सुरक्षा के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नाम मिशन शक्ति रखा है, जो यह दर्शाता है कि जब कोई भी इनिशिएटिव समाज में व्यापक जागरूकता का बड़ा माध्यम बनता है, तो उसे राष्ट्रव्यापी बनने में देर नहीं लगती है। मिशन शक्ति के इस चौथे चरण का भी यह उद्देश्य है।

उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाती है, लेकिन जिनके लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है, उन्हे इसकी जानकारी ही नहीं हो पाती। इसकी वजह से वह इसका लाभ नहीं उठा पाते। ऐसे में प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए जागरुकता रैली का शुभारंभ किया गया है। इसके बाद प्रदेश के हर जनपद के स्कूल, कॉलेज में प्रभात रैलियां निकाल जाएंगी। इसके अलावा उन जनपदों में महिला सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन को लेकर अच्छा काम करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।

वहीं 15 अक्टूबर से हर शहर, गांव और नगर निकायों के वार्ड में केंद्र और राज्य सरकार की महिला संबंधी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस दौरान सरकार की ओर से महिलाओं और बेटियों की रक्षा से संबंधित उठाए गए विभिन्न मुद्दों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। पहले प्रदेश में लोग महिलाओं के बारे में बाेलते थे कि वह बहुत पढ़ी-लिखी नहीं है तो वह क्या काम कर पाएंगी, लेकिन हमारी सरकार ने इस धारण को बदला। आज बीसी सखी, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस सखी बन कर वह गांव में बैंक की कमी को पूरा कर रही हैं। इतना ही नहीं वह गांवों के लोगों की विपत्ति के समय में मदद भी कर रहीं हैं।

इन महिलाओं को सरकार की ओर से छह माह का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सरकार ने मानदेय भी दिया। इनमें सबसे कम 25 हजार रुपये और सबसे अधिक सवा से डेढ़ लाख तक महिलाएं कमा रहीं हैं। इस प्रयास को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे पहले वर्ष 2019 में तीसरी और पांचवीं पास महज पांच से सात महिलाओं का सपोर्ट करते हुए सरकार ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की स्थापना की। पिछले 3 वर्षों में इनका कारोबार प्रति वर्ष डेढ़ सौ करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गया है और लगभग 15 से 16 करोड़ का नेट प्रॉफिट होता है। उन्होंने 40,000 महिलाओं को अपने साथ जोड़ लिया है।

सीएम योगी ने कहा कि खुद में इच्छा शक्ति, सरकार और प्रशासन का समर्थन हो तो महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। कहा कि यूपी पूरे देश में सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य है। ऐसे में आधी आबादी के लिए विशेष प्रयास होने चाहिये। मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत रैली का शुभारंभ इसे ही दर्शाता है। 15 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में महिलाओं को जागरूक करने के साथ उनकी समस्याओं के समाधान के विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही महिला और बेटी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले से सख्ती से निपटा जाएगा। इसको लेकर सख्त आदेश दिए गए हैं क्योंकि सरकार पहले ही लोगों को सुधरने का काफी समय दे चुकी है। वहीं ऐसे लोगों से सख्त से निपटने के लिए थाना स्तर पर कार्रवाई का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

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