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चक्रवाती तूफान ‘मोखा’ से निपटने के लिए बांग्लादेश, म्यांमा तैयार

ढाका, 12 मई : बांग्लादेश और म्यांमा में अधिकारियों ने शुक्रवार को तटीय इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘मोखा’ के मद्देनजर उन्हें तटीय इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी है।

भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि रविवार को 160 किलोमीटर प्रति घंटे और बांग्लादेश के कॉक्स बाजार तथा म्यांमा में क्यौकप्यू के बीच 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।

बांग्लादेश 16 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश है जहां बाढ़ एवं चक्रवातों जैसी प्राकृतिक आपदाएं अक्सर आती हैं।

बांग्लादेश सरकार के प्रशासक मुहम्मद शाहीन इमरान ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर शनिवार को करीब 500,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने की संभावना है और प्रभावित लोगों के लिए 576 शिविर बनाए गए हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र कुमार जेनामणि ने कहा, ‘‘उत्तर हिंद महासागर से उठा इस साल यह पहला चक्रवात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चक्रवात भीषण है और इससे लाखों मछुआरों एवं तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।’’

मई 2008 में चक्रवात ‘नरगिस’ से म्यांमा का दक्षिण पश्चिम अय्यरवाडी या इरावडी क्षेत्र प्रभावित हुआ था और इरावडी नदी तट के आसपास के इलाकों में भारी तबाही मची थी। इस आपदा के कारण कम से कम 138,000 लोगों की मौत हुई थी और हजारों मकान एवं इमारतें बह गए थे।

म्यांमा में मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान विभाग में निदेशक ह्ला तुन ने कहा कि अधिकारियों ने तटीय इलाकों में लोगों को संभावित बाढ़ एवं भूस्खलन को लेकर आगाह किया है और आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने की सलाह दी है।

सरकारी ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा ’ के शुक्रवार को प्रकाशित अंक में आपात प्रबंधन, बचाव, प्रतिक्रिया, सहयोग, तैयारी और विभिन्न क्षेत्रों में पुनर्वास प्रक्रिया के लिए अभ्यास के बारे में खबरें प्रकाशित की गई हैं।

खबरों के अनुसार, रखाइन राज्य के पश्चिमी तट के पास रह रहे हजारों लोगों को सामाजिक कार्यकर्ताओं और बचाव संगठनों द्वारा वहां से हटाए जाने की संभावना है। इस क्षेत्र से तूफान के गुजरने की आशंका है।

बांग्लादेश सरकार के प्रशासक मुहम्मद शाहीन इमरान ने कहा कि बांग्लादेश में नियंत्रण कक्ष चक्रवात प्रभावित इलाकों में किसी भी आपात सहायता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि तीन तटों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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