Headline
नारद बाबा के आश्रम पर श्री सहस्त्रचण्डी महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा की तैयारी पूरी
दिल्ली की मंत्री आतिशी का अनशन तीसरे दिन भी जारी, कहा हरियाणा से नहीं आ रहा पानी
लोकसभा का सत्र सोमवार से, महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सदन में शोरगुल के आसार
महाराष्ट्र: नीट पेपर लीक मामले में दो शिक्षक गिरफ्तार
अब मोतिहारी में गिरा निर्माणाधीन पुल, एक हफ्ते में तीसरी घटना
इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल
बिहार में 26 जून से होने वाली शिक्षक सक्षमता परीक्षा स्थगित, जल्द घोषित की जाएगी नई तिथि
निष्पक्षता से प्रश्न पत्र लीक मामले की हो जांच, नहीं तो राजद करेगी खुलासा : तेजस्वी
बिहार के सीवान जिले में गंडक नहर पर बना 30 फीट लंबा पुल गिरा

चंद्रयान-3 का पहला ऑर्बिट-रेजिंग का ‘सफर’ पूरा

चेन्नई, 16 जुलाई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अद्वितीय निपुणता और कुशलता से चंद्रयान-3 काे चंद्रमा की कक्षा की तरफ ले जाने का ‘पहला कदम’ (फर्स्ट ऑर्बिट रेजिंग मनूवर) रविवार को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर चंद्रयान-3 को लेकर ताजा जानकारी दी। उसने कहा,“चंद्रयान सामान्य स्थिति में है। फ़र्स्ट ऑर्बिट-रेज़िंग का काम पूरा हो गया है। अंतरिक्ष यान अब 41762 किमी x 173 किमी कक्षा में है।”

इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की ‘पहली कक्षा’ में बढ़ाने की प्रक्रिया आज सफलतापूर्वक पूरी की। इस प्रकार की प्रक्रिया चार बार और की जाएगी, जिसके बाद यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। इसरो ने कहा, “अंतरिक्ष एजेंसी 31 जुलाई तक पृथ्वी से जुड़े चार और ‘अर्थ बाउंड मनूवर’ करेगी जिसके बाद एक अगस्त को ट्रांस लूनर इंसर्शन होगा।” मिशन चंद्रयान-3 का श्रीहरिकोटा के अंतरिक्षयान से शुक्रवार को प्रक्षेपण किया गया था।

चंद्रयान-3 के शुक्रवार को लॉन्च के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा मून मिशन शुरू हुआ। चंद्रयान-3 को ले जा रहे 642 टन वजनी और 43.5 मीटर ऊंचे रॉकेट एलवीएम3-एम4 ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। चंद्रयान-3 के पृथ्‍वी की कक्षा में पहुंचने के बाद लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में डाला गया। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह अगले 42 दिनों में 3,84,000 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए चंद्रमा तक पहुंच जाएगा।

इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के बाद कहा था, “एजेंसी 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चांद की सतह पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बना रही है।” इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ने ही यह उपलब्धि हासिल की है। चंद्रयान-3 के चंद्रा की सतह पर ‘कदम’ रखते ही भारत ऐसी सफलता पाने वाला चौथा देश बन जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top