कोलकाता, 02 फरवरी :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के बकाया भुगतान की मांग लेकर पूर्वघोषित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को यहां धरना शुरू किया।

रेड रोड पर अंबेडकर प्रतिमा के सामने आज शुरू 48 घंटे के धरने में मुख्यमंत्री के साथ ही धरने में प्रदेश के कई मंत्री, सांसद और तृणमूल कांग्रेस की महिला विंग भी शामिल रही।

सुश्री बनर्जी ने अपने हालिया उत्तरी बंगाल दौरे के समय घोषणा की थी कि केंद्र की ओर से राज्य की मनरेगा निधि का बकाया भुगतान रोके जाने के विरोध में वह दो फरवरी से धरना-प्रदर्शन करेंगी।

इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाया कि राज्य के 21 लाख से अधिक मनरेगा श्रमिकों का बकाया भुगतान 25 महीने से अधिक समय से लंबित हैं।

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा, “मनरेगा फंड केवल संख्याएं नहीं हैं। ये वास्तविक जीवन को प्रभावित करती है। केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से लोगों के साथ किये गये अन्याय के खिलाफ बंगाल की गूंज पूरे देश में गूंजेगी। हमारे वाजिब हक को पाने के लिए इस धरने में हमें कोई नहीं रोकेगा।”

सुश्री बनर्जी ने पांच सांसदों के साथ पिछले वर्ष 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और राज्य के लंबित केंद्रीय फंड को जारी किये जाने की मांग की। बैठक में प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव रखा था कि केंद्र और राज्य के अधिकारी एक साथ बैठकर मुद्दों को सुलझा सकते हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि 155 केंद्रीय टीमें पहले ही राज्य का दौरा कर चुकी है तथा राज्य सरकार केंद्र की ओर से उठाये गये मुद्दों पर स्पष्टीकरण भी दे चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अब तक फंड जारी नहीं किया गया।

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