द्वारका/नई दिल्ली,28 अक्टूबर: द्वारका में आयोजित स्वदेशी मेला में दूसरे दिन विभिन्न राज्यों से आये कवियों ने इस दौरान कवि सम्मेलन में समां बांध दिया।

कवियों ने देश भक्ति गीत,गजल, ओजस्वी गीत गाकर हास्य व्यंग कविताओं से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया, कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले कवियों का सर्वप्रथम कमेटी की ओर से स्वागत किया गया इनका स्वागत रविंद्रसोलंकी, रामनिवास दहिया ,योगेंद्र सैनी ,विकास कौशिक, रुद्र पाल, नीलेन्द् पाठक ने किया। कवि सम्मेलन का आगाज भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद कवि गीतकार गजेंद्र सोलंकी ने सभी कवियों का परिचय कराया और संचालन का जुम्मा अपने पास रखा।

इस अवसर पर कवि गौरव चौहान इटावा से ने ओजस्वी वक्ता की तरह कवितायों को सुनाया, वही प्रदीप देसवाल ने क्रांतिकारी भगत सिंह के जीवन पर आधारित इतिहास को अपनी कविता के माध्यम से श्रोताओं को अपनी प्रस्तुति दी, कवि व गजलकार मनीष मधुकर ने पिताजीकी घर पर नज़र प्यार का उल्लेख कविता के द्वारा किया, हास्य व्यंग के कवि विनीत पांडे ने पत्नी की घर में पति के प्रति सम्मान व गुस्से , पर कहा कि “घर में गम भुला कर जीना ही जिन्दगी है,” वही आज के युवायो पर प्यार का बुखार चढ़ कर बोलने पर हास्य कर खूब तालियां बजवाते रहे, हास्य कवि शंभु शिखर ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब हंसाया हास्य कवि समूह शिखर ने हास्य संग्रह का पिटारा खोल लोगों को खूब हास्य लोगों को अपनी लिखी हुई कविताओं पर तरह की बातें कर सम्मेलन में भरपूर तालिया से श्रोताओं से स्वागत कराया उन्होंने पूरी तरीके से देशभक्ति से भरपूर और हास्य को लुभाने कविताओऔर लोगों को ह अपनी सीट से नहीं उठे और कविताओं का लुफ्त उठाया।

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