नई दिल्ली, 12 अगस्त : लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों को निशाना बनाकर निलंबित किया जा रहा है और रिकॉर्ड से बेवजह शब्दों को हटाया जा रहा है।
श्री चौधरी ने कहा कि संसद के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कभी इस तरह की मनमानी नहीं देखी है। उन्होंने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब देते हुए कहा कि संसद में परंपरा शब्दों को हटाने की है लेकिन उन्हीं शब्दों को रिकॉर्ड से हटाया जाता है जो असंसदीय हों लेकिन ऐसा लगता है कि संसद से सरकार की इशारे पर जानबूझकर के विपक्ष को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं की भाषणों के अंश से सही शब्दों को भी अनुचित बताकर रिकॉर्ड से हटाया जा रहा है और विपक्ष के सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को सदस्यों को निलंबित करने और शब्दों को हटाने का अधिकार है लेकिन जानबूझकर के या किसी को निशाना बनाकर इस तरह की कदम उठाना संसदीय परंपरा के अनुकूल नहीं है और ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है।
संसद से उनके निलंबन को वापस लेने के लिए उनसे माफी मांगने संबंधी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के बयान पर तीखे अंदाज़ में उन्होंने कहा, “किस बात की माफी। माफी क्यों मांगू इस बात को भी बिस्तार से बताया जाना चाहिए।” उनका कहना था कि वह माफी नहीं मांगेंगे। यह पूछने पर कि क्या वह संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे, उन्होंने कहा कि वह इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और नियमों के अनुसार उन्हें जहां भी बुलाया जाएगा वह अपना पक्ष समिति के समक्ष रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि निलंबन के मुद्दे पर न्यायालय जाने का भी विकल्प उनके पास खुला है।
विपक्षी गठबंधन को मजबूरी बताने संबंधी उनके बयान को लेकर पूछने पर श्री चौधरी ने कहा कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन को मजबूरी कभी नहीं बताया है। वह विपक्षी गठबंधन को जरूरी मानते हैं। विपक्षी गठबंधन के लिए मजबूरी शब्द का इस्तेमाल करने का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा करने की मजबूरी होती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को मिलकर परास्त करना ज़रूरी है।