नई दिल्ली, 28 सितंबर : प्रख्यात वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन के निधन पर शोक जताते हुये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ी है जो दुनिया को मानवता के लिए एक सुरक्षित और भूख-मुक्त भविष्य की ओर ले जाने में मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी।
भारत में हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन (98) का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बृहस्पतिवार को चेन्नई में निधन हो गया था। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं।
मुर्मू ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ”अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम एस स्वामीनाथन के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ। एक दूरदर्शी व्यक्ति, जिन्होंने खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिए अथक प्रयास किया, जिसके लिए उन्हें हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिसने खाद्यान्न में हमारे देश की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की।”
राष्ट्रपति ने कहा, ”उन्होंने कृषि विज्ञान में अग्रणी अनुसंधान का नेतृत्व किया जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले – पद्म विभूषण से लेकर प्रतिष्ठित विश्व खाद्य पुरस्कार तक। वह अपने पीछे भारतीय कृषि विज्ञान की एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं जो विश्व को मानवता के लिए एक सुरक्षित और भूख-मुक्त भविष्य की ओर ले जाने में मार्गदर्शक के तौर पर काम करेगी।”