मंडी, 12 नवंबर: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत राकेश कुमार का आज मंडी जिले में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राकेश कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। हर तरफ भारत माता की जय के नारे गूंज उठे और नम आंखों से शहीद को विदाई दी गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार सुबह शहीद राकेश कुमार का शव उनके पैतृक गांव बरनोग में उनके घर पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहीद पति की पार्थिव देह घर पहुंचते ही पत्नी भानुप्रिया ने अपने शहीद पति को पहले जय हिंद कहा। इसके बाद उन्होंने माथा चूम कर दुलारा और शव से लिपटकर रो पड़ीं। इस मार्मिक दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो उठा। हर किसी की आंखें नम हो गईं।

घर पर अंतिम दर्शनों के बाद शहीद की पार्थिव देह को गांव के श्मशान घाट ले जाया गया। शहीद की पत्नी ने बेटी के साथ पति की अर्थी को कंधा दिया और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए और रोते-बिलखते हुए विदाई दी।

शहीद पिता की चिता को 9 वर्षीय बेटे प्रणव ने मुखाग्नि दी। सेना की तरफ से आए हुए जवानों ने हवाई फायर करके अपने साथी को अंतिम सलाम किया। अंतिम विदाई के दौरान नाचन के विधायक विनोद कुमार, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी अपूर्व देवगन, डीआईजी सौम्या सांबशिवन, पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर और एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

शहीद राकेश कुमार के बड़े भाई कर्म सिंह ने कहा कि शहीद का घर वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा में टूट गया था। उनका नया घर बनाने का उसका सपना अधूरा ही रह गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीद के परिवार को नया घर बनाकर दिया जाए और इसके साथ ही छम्यार स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर रखा जाए।

एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया ने कहा कि राकेश कुमार ने बहादुरी का परिचय देते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने परिजनों को सरकार की तरफ से विश्वास दिलाया कि सरकार के स्तर पर परिवार को यथासंभव मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। गृह निर्माण की मांग को सरकार और प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से रखा जाएगा।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए थे। राकेश कुमार बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत छम्यार के बरनोग गांव के रहने वाले थे। वे अपने पीछे 90 वर्षीय माता, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *