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नई दिल्ली, 25 अगस्त: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष के विरोध को गलत बताया। उन्होंने कहा, क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या मंत्री जेल से सरकार चला सकता है। एक सीएम जेल में रहे और सचिव, डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी आदेश लेने जेल जाए, यह हमारे लोकतंत्र को शोभा नहीं देता। एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में अमित शाह ने संविधान संशोधन विधेयक पर राहुल गांधी के नैतिक रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, राहुल गांधी जिस लालू यादव की संसद सदस्यता बचाने वाला अध्यादेश फाड़ते हैं, आज उन्हीं लालू यादव को सत्ता के लिए गले लगाते हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 अगस्त को संविधान (130वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया। इसमें प्रावधान है कि कोई प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को गिरफ्तारी या 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद छोड़ना होगा। शर्त यह है कि जिस अपराध के लिए हिरासत या गिरफ्तारी हुई है, उसमें पांच साल या ज्यादा की सजा का प्रावधान हो। विपक्ष इसी का विरोध कर रहा है।

हमारे मुख्यमंत्रियों पर भी सवाल उठेंगे: शाह ने कहा, आज देश में एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री ज्यादा हैं। प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। ऐसे में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक से सिर्फ विपक्ष पर ही सवाल खड़े नहीं होते बल्कि हमारे मुख्यमंत्रियों पर भी सवाल उठेंगे। अगर फर्जी मामला है तो देश के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आंखें बंद करके नहीं बैठे हुए हैं, वे जमानत दे सकते हैं। कांग्रेस सरकार में भी ऐसा प्रावधान था कि अगर सत्र अदालत ने किसी को दो साल जेल की सजा सुनाई है तो उस सदस्य की सदस्यता अपने आप चली जाती थी।

जेल जाने के बाद भी दिल्ली के सीएम ने इस्तीफा नहीं दिया: आज नई परंपरा आ गई है। आरोप लगने के बाद नेता इस्तीफा देते थे। रिहाई के बाद ही राजनीति में शामिल होते थे लेकिन तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों ने जेल में रहने के बाद भी पद से इस्तीफा नहीं दिया था। दिल्ली के सीएम और गृहमंत्री ने भी इस्तीफा नहीं दिया था। राजनीति को बदनाम करने और सामाजिक नैतिकता को इस स्तर तक गिराने के लिए हम इससे सहमत नहीं हैं।

लालू को बचाने वाला अध्यादेश राहुल गांधी ने क्यों फाड़ा: लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह सरकार अध्यादेश लाई थी। उसे राहुल गांधी ने क्यों फाड़ा, क्या औचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी तो क्या आज नहीं है, क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं। धनखड़ ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर शाह ने कहा, बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया है। किसी को इस मुद्दे को ज्यादा खींचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

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