इस्लामाबाद, 13 मई (वेब वार्ता): पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से चल रहे हंगामे के बीच पाकिस्तानी सेना ने लोकतंत्र में विश्वास का दावा किया है। साथ ही मार्शल लॉ लगाए जाने से साफ इनकार किया।

पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही पूरे देश में घमासान मचा है। देश भर में हुई हिंसा व आगजनी में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोगों पर मुकदमे दर्ज किये गए हैं। आंदोलित लोगों के निशाने पर सेना है और रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय व लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर भी हमला किया गया। ऐसे में पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगाए जाने की चर्चा भी तेजी से हो रही थी। इस बीच सेना ने ऐसी किसी भी चर्चा को खारिज कर दिया है।

पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि सेना लोकतंत्र का समर्थन करती है और आगे भी करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और सेना के बड़े-बड़े अधिकारी भी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। उन्होंने पाकिस्तान में चल रही अराजकता के कारण सेना के अधिकारियों के इस्तीफा देने की खबरों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कई लोग अराजकता की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इन दुश्मनों के सभी प्रयासों के बावजूद सेना एकजुट होकर काम कर रही है। न तो किसी सेना के अधिकारी ने इस्तीफा दिया है और न ही किसी आदेश की अवहेलना की है।

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