Headline
भारतीय वायुसेना में पायलटों की भारी कमी, कैग की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
10 साल दिल्ली बेहाल: आप के खिलाफ भाजपा का ‘आरोप पत्र’, अनुराग ठाकुर बोले- पाप धोते-धोते यमुना काली हो गई
पीएम मोदी ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, बोले- ‘भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘प्रगति यात्रा’ पर हुए रवाना, करेंगे प्रगति की समीक्षा
अगले चुनाव में जदयू को 20 सीट भी नहीं मिलेगी : प्रशांत
सितारवादिका जानवी मुखर्जी का निधन
नीतीश अपना चेहरा चमकाने के उद्देश्य को लेकर यात्रा पर निकले हैं : एजाज
सीएम आतिशी ने रंगपुरी पहाड़ी का किया दौरा, जल्द समस्याओं के समाधान का दिया भरोसा
किसानो को सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन देना सर्वोच्च प्राथमिकता: ऊर्जा सचिव

दिल्ली सरकार की सौर ऊर्जा योजना केवल कांग्रेस सरकार की पुरानी योजना को नया चौला : अरविन्दर सिंह लवली

नई दिल्ली, 30 जनवरी: आगामी 03 फरवरी को गीता कॉलोनी रामलीला मैदान में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन के संबंध में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष कार्यालय, राजीव भवन में कांग्रेस पर्यवेक्षकों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने 06 नवंबर, 2006 में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई सौर ऊर्जा योजना को गंभीरता पूर्वक लागू किया होता, तो दिल्ली में बिजली की कमी को काफी हद तक दूर कर दिया जा सकता था और लोगों के बिजली के बिलों में काफी हद तक कम हो जाते।

श्री लवली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने होटल, अस्पताल, नर्सिंग होम, सभी सरकारी भवनों और 500 वर्ग मीटर से अधिक के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सौर ऊर्जा स्थापित करने को अनिवार्य कर दिया था। जिससे न केवल इन प्रतिष्ठानों को असहनीय बिजली बिल से राहत ही मिलती बल्कि राजधानी वालों को खतरनाक प्रदूषण से भी भारी राहत मिलती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने क्प्ैब्व्ड द्वारा खरीदी गई सौर ऊर्जा के लिए निवासियों को सोलर गीजर लगाने पर 6000 रुपये और छतों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए 6, 000 रुपये से 60, 000 रुपये की सब्सिडी की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की सौर योजना केवल पुरानी योजना को नया चौला पहनाना है, इसमें नया कुछ भी नही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान छोड़ भविष्य की बात करके केवल दिल्ली के लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यदि मौजूदा दिल्ली सरकार पूरी राजधानी में व्यवसायिक और आवासीय दोनों परिसरों में सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने के बारे में गंभीर होती तो दस साल में सौर उर्जा योजना लागू कर दिया होता। जिसके बाद दिल्ली में सौर ऊर्जा उत्पादन आम हो जाती और करदाताओं के हजारों करोड़ रुपये की बचत का राजस्व जो बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है, उसे दिल्ली के विकास कार्य में लगाया जा सकता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top