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नई दिल्ली, 21 दिसंबर: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) की सख्त पाबंदियां लागू होने के बावजूद राजधानी और आसपास के इलाकों में हवा बेहद जहरीली बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 398 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब है। राजधानी के अधिकतर इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है।

दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों—आनंद विहार, वजीरपुर, रोहिणी, मुंडका, जहांगीरपुरी और द्वारका—में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। सुबह और शाम के समय स्मॉग की मोटी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता में भी भारी कमी देखी गई।

GRAP-4 लागू, फिर भी सुधार नहीं

प्रदूषण बढ़ने पर GRAP-4 के तहत कई सख्त कदम उठाए गए हैं। इसमें निर्माण और तोड़फोड़ पर रोक, गैर-जरूरी ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध, डीजल जनरेटर के उपयोग पर पाबंदी और स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था जैसे प्रावधान शामिल हैं। इसके बावजूद हवा की गुणवत्ता में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा है।

सेहत पर बढ़ता खतरा

डॉक्टरों के अनुसार, इतनी खराब हवा से बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है। आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, खांसी और सिरदर्द जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने, मास्क पहनने और खुले में व्यायाम से बचने की सलाह दी है।

मौसम बना बड़ा कारण

मौसम विभाग का कहना है कि ठंडी हवाओं की रफ्तार कम होने और तापमान में गिरावट के चलते प्रदूषक कण हवा में ही फंसे हुए हैं। आने वाले कुछ दिनों तक तेज हवा या बारिश की संभावना कम है, ऐसे में राहत मिलने के आसार भी सीमित नजर आ रहे हैं।

कुल मिलाकर, दिल्ली-एनसीआर में ‘जहरीली हवा’ लोगों की सांसों पर भारी पड़ रही है और सख्त पाबंदियों के बावजूद हालात अब भी काबू में आते नहीं दिख रहे।

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