नई दिल्ली, 17 अप्रैल : घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13.6 करोड़ टन हो गई है।

अनुसंधान कंपनी स्टीलमिंट इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मोटर वाहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की बढ़ती मांग से वृद्धि का बल मिला। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में तैयार इस्पात की खपत 12 करोड़ टन (एमटी) थी।

स्टीलमिंट ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में मोटर वाहन उद्योग की मांग में सुधार हुआ है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर ध्यान दिया जा रहा है। बुनियादी ढांचे तथा निर्माण क्षेत्रों ने भी निवेश के साथ लचीलापन दिखाया है, जो ज्यादातर सरकार की वित्त पोषित विकास परियोजनाओं द्वारा समर्थित है।”

देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन 12.6 प्रतिशत बढ़कर 14.3 करोड़ टन रहा। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 12.7 करोड़ टन था।

यह विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत की वार्षिक इस्पात विनिर्माण क्षमता को 30 करोड़ टन और प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को 160 किलोग्राम तक बढ़ाना है।

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