इस्लामाबाद/वॉशिंगटन, 18 दिसंबर: पाकिस्तान के फील्ड मार्शल और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस समय गंभीर रणनीतिक और राजनीतिक दबाव में नजर आ रहे हैं। एक ओर देश के भीतर इस्लामाबाद पर अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, तो दूसरी ओर अमेरिका की ओर से गाजा में सेना भेजने को लेकर बढ़ता दबाव उनके लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
सूत्रों और रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान पर गाजा संकट में सैन्य भूमिका निभाने का दबाव बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आने वाले दिनों में जनरल मुनीर और ट्रंप के बीच संभावित मुलाकात हो सकती है, जिसमें गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय या सहयोगी सैन्य फोर्स की तैनाती पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
हालांकि, पाकिस्तान के लिए यह फैसला आसान नहीं है। गाजा में सेना भेजने से जहां एक ओर अमेरिका के साथ रिश्तों में मजबूती आ सकती है, वहीं दूसरी ओर देश के भीतर राजनीतिक विरोध, आर्थिक दबाव और सुरक्षा चुनौतियां और गहरा सकती हैं। पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट, आंतरिक अस्थिरता और सीमाई तनावों से जूझ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आसिम मुनीर इस समय ‘एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई’ जैसी स्थिति में हैं। अगर वे अमेरिकी दबाव को स्वीकार करते हैं, तो घरेलू मोर्चे पर विरोध झेलना पड़ सकता है। वहीं, इनकार करने की स्थिति में वॉशिंगटन के साथ रिश्तों में तल्खी आने का खतरा है।
अब सभी की नजरें इस संभावित मुलाकात पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि पाकिस्तान गाजा संकट में क्या भूमिका निभाता है और जनरल मुनीर इस दोहरे दबाव से निकलने का कौन-सा रास्ता चुनते हैं।