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आक्रामक व्यवहार भारत के लिए शर्मिंदगी की वजह : थरूर

नई दिल्ली, 08 दिसंबर: अमेरिका ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि भारत को अस्थिर करने के प्रयासों के पीछे अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ तत्व हैं, जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘आक्रामक व्यवहार’ भारत के लिए शर्मिंदगी की बात है।

अमेरिका ने शनिवार को भाजपा के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित संगठन और अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ तत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी पर लक्षित हमलों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने के प्रयासों के पीछे हैं।

ऐसा माना जाता है कि ‘डीप स्टेट’ सरकार, नौकरशाही, खुफिया एजेंसियों और अन्य सरकारी संस्थाओं के अंदर स्थापित एक अनधिकृत गुप्त नेटवर्क है।

अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने आरोपों को ‘निराशाजनक’ बताया और कहा कि अमेरिका सरकार दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की पैरोकार रही है।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि अमेरिका की सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों ने भारत की छवि को ‘‘नुकसान’’ पहुंचाने के लिए मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की।

थरूर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि भाजपा को न तो लोकतंत्र की समझ है और न ही कूटनीति की। वे ओछी राजनीति में इतने अंधे हो गए हैं कि वे लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया और जीवंत स्वतंत्र नागरिक संस्थाओं के मूल्य को भूल गए हैं, और वे प्रमुख देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में सत्तारूढ़ पार्टी की जिम्मेदारियों से अनजान हैं।’’

पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘यह आक्रामक व्यवहार भारत के लिए शर्मिंदगी की बात है।’’

भाजपा ने अदाणी समूह पर हमला करने और सरकार के साथ उसकी निकटता का आरोप लगाने के लिए गांधी द्वारा ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का उपयोग किए जाने का हवाला दिया था।

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह के आरोप लगा रही है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका सरकार स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है जो पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का समर्थन करती है। यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है।’’

ओसीसीआरपी का मुख्यालय एम्स्टर्डम में है। यह एक मीडिया मंच है जो मुख्यत: अपराध और भ्रष्टाचार से संबंधित कहानियों पर ध्यान केंद्रित करता है।

भाजपा ने एक फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया था और कहा था कि इससे पता चलता है कि ओसीसीआरपी को जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे अमेरिकी सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों के साथ-साथ अमेरिकी विदेश मंत्रालय के यूएसएड द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।

अमेरिकी दूतावास के अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का पैरोकार रहा है। स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का एक अनिवार्य घटक है, जो सुविज्ञ और रचनात्मक बहस को सक्षम बनाने के साथ ही सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाती है।’’

पिछले महीने, अमेरिकी अभियोजकों ने 62 वर्षीय गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर और अन्य प्रतिवादियों पर 2020 और 2024 के बीच भारत सरकार के अधिकारियों को उन शर्तों पर सौर ऊर्जा अनुबंध प्राप्त के लिए 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया था जिनसे संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ मिल सकता था।

आरोपों के बाद कांग्रेस ने गहन जांच की मांग की और सरकार पर अदाणी को बचाने का आरोप लगाया।

वहीं अदाणी समूह ने आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताते हुए इन्हें खारिज किया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की अप्रत्याशित रूप से आलोचना करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘फ्रांसीसी खोजी मीडिया समूह मीडियापार्ट ने खुलासा किया कि ओसीसीआरपी को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के यूएसएड के साथ-साथ अमेरिका सरकार की संस्थाओं से संबद्ध जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे अन्य प्रमुख तत्वों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।’’

भाजपा ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘वास्तव में, ओसीसीआरपी की 50 प्रतिशत ‘फंडिंग’ सीधे अमेरिकी विदेश मंत्रालय से आती है। ओसीसीआरपी, अमेरिका की सरकारी संस्थाओं के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक मीडिया उपकरण के रूप में कार्य करता है।’’

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