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UPSC CSE 2022 : बिहार की बादशाहत कायम, बिहार की बेटी गरिमा लोहिया हुई सेकेंड टॉपर

नई दिल्ली, 23 मई: संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा(UPSC CSE 2022 Exam) के परिणाम की घोषण कर दी है। इस बार भी बिहार की बादशाहत कायम रही है। बिहार के बक्सर जिला की रहने वाली गरिमा लोहिया ने पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, पहला स्थान इशिता किशोर ने प्राप्त किया है। इस बार टॉप 10 में देश की बेटियों ने जगह बनाई है। बक्सर की बेटी ने दूसरा स्थान लाकर बिहार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उनकी इस सफलता से बक्सर ही नहीं पूरे बिहारवासियों में खुशी की लहर है।

गरिमा ने बक्सर के वूड स्टॉक स्कूल से से पढ़ाई की

गरिमा लोहिया ने बक्सर के वूड स्टॉक स्कूल से पढ़ाई की है। उनके पिता नारायण प्रसाद लोहिया का निधन चार साल पहले हो चुका है। पिता के जाने के बाद उनकी हिम्मत टूट चुकी थी। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और काफी मेहनत कर यह सफलता पाई। अमर उजाला से खास बातचीत में गरिमा ने बताया कि उन्होंने बक्सर में रह कर ही तैयारी की। इतनी अच्छी रैंक आएगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। कोरोना के दौरान कोचिंग नहीं कर सकती थी। इसलिए ऑनलाइन कोर्सेस से ही तैयारी की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने खासतौर पर अपनी मां को दिया।

सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा जोर दिया, जीएस के ऑनालइन मदद

गरिमा ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय में कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। इसी दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू की और उन्हें सफलता मिली। उनके परिवार में मां, भाई और एक बड़ी बहन है। उन्होंने बताया, ‘मैंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा जोर दिया। सामान्य ज्ञान के लिए सोशल साइट्स की मदद ली। इस परीक्षा में तैयारी बहुत मुश्किल होती है। इसका मतलब यह नहीं होता कि हम निराश हो जाएं। आपको जो चीज खुशी देती हो, वह करें, परिवार के साथ रहें और मनोबल बढ़ाते रहें। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देना चाहती हूं।’

टॉप 10 में दो बिहारियों का झंडा बुलंद नजर

गरिमा लोहिया के अलावा पटना निवासी राहुल श्रीवास्तव ने 10वां स्थान प्राप्त किया है। अमर उजाला से बातचीत के दौरान राहुल कहते हैं- “बिहार की मिट्टी में मेहनत और जज्बा है। मेहनत करने का जज्बा ही बिहारियों को बाकी से अलग करता है। ऐसा नहीं कि बहुत बड़े स्कूल या किसी बहुत बड़े संस्थान से ही आपका आधार तय होता है। अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट हो तो अंत में आप उसे हासिल कर ही लेते हैं। लक्ष्य के प्रति समर्पण सबसे ज्यादा जरूरी है और इसके लिए शुरू से मेहनत करनी होती है।”

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