यह विदेशी कंपनियां कैसे हिंदुस्तानियों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है
KFC तमिलनाडु के थूथुकुडि जिले अपने चिकन में मैग्नीशियम सिलिकेट-सिंथेटिक का इस्तेमाल कर रहा था।
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि लोग बहुत शौक से सेहत बनाने के चक्कर में मुर्गा खा रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे की (KFC) तरह-तरह के पकवान मुर्गो के बनाकर लोगों को खिलाएं जा रहे हैं जोकि केमिकल से तैयार किया गया है। जीभ को स्वाद सिर्फ उस पर लगे हुए मसाले का ही आता है। बाकी जो मुर्गी का मांस खा रहे हैं वह आपको ताकत नहीं देगा बल्कि आपके हॉरमोन इंबैलेंस कर देगा।
तमिलनाडु के थूथुकुडि जिले से सामने आया है। यहां जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारीयों ने दुनियाभर में फेमस अमेरिकी रेस्टोरेंट केंटकी फ्राइड चिकन (KFC) के एक आउटलेट में छापा मारा। आरोप है कि केएफसी अपने चिकन में मैग्नीशियम सिलिकेट-सिंथेटिक का इस्तेमाल कर रहा था। रेस्टोरेंट का लाइसेंस टेम्पररी कैंसल कर दिया गया है।मैग्नीशियम सिलिकेट-सिंथेटिक एक खतरनाक केमिकल है, जिसके इस्तेमाल पर खाद्य पदार्थों पर नजर रखने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था FSSAI ने बैन लगा रखा है।मैग्नीशियम सिलिकेट को सांस के ज़रिए अंदर लेने से श्वसन मार्ग में जलन हो सकती है. इससे खांसी, गले में खराश, और सांस लेने में तकलीफ़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
कई सालों तक एंटासिड के तौर पर मैग्नीशियम सिलिकेट का नियमित इस्तेमाल करने से मूत्राशय और गुर्दे में पथरी बन सकती है. यह आंखों, त्वचा, और श्वसन मार्गों के लिए हल्का परेशान करने वाला पदार्थ हैमैग्नीशियम की अधिकता के सामान्य लक्षण मतली, उल्टी, दस्त, चक्कर आना, मांसपेशियों में कमज़ोरी हैं। मैग्नीशियम की अधिक खुराक लेने से शरीर में बहुत ज़्यादा मैग्नीशियम पहुँच जाता है, जिससे दिल को नुकसान पहुँचता है या श्वसन तंत्र फेल हो जाता है, खास तौर पर पहले से किडनी की बीमारी वाले लोगों के लिए और भी खतरनाक है।