धार, 01 अप्रैल: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में मंदिर था या मस्जिद, इसका पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का दल जुटा हुआ है। सोमवार को सर्वे का 11वां दिन है। सर्वे दल को अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पेश करनी है।

एएसआई की टीम के निर्देशन में गर्भगृह के पिछले हिस्से में खुदाई चल रही है और उस गड्ढे की मिट्टी भी हटाई जा रही है, मगर अभी तक नींव सामने नजर नहीं आई है। वहां पत्थर जैसे स्थान मिलने की बात जरूर सामने आ रही है।

सर्वेक्षण कार्य में लगे दल का राजस्व विभाग के अधिकारी भी सहयोग कर रहे हैं। सर्वे के दौरान जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उन्हें लिपिबद्ध किया जा रहा है क्योंकि इसी आधार पर उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की जाएगी।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर एएसआई ने 22 मार्च को भोजशाला में सर्वेक्षण शुरू कर दिया था। यह सर्वे निरंतर चल रहा है और इस दौरान नापजोख की गई और गर्भगृह के पीछे खुदाई चल रही है।

ज्ञात हो कि भोजशाला में मंदिर और मस्जिद को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है। भोजशाला एएसआई के अधीन संरक्षित स्मारक है। यहां वर्ष 2003 में व्यवस्था के मुताबिक शुक्रवार को नमाज होती है और मंगलवार को पूजा। वहीं आमजन एक रुपये का टिकट लेकर भोजशाला में प्रवेश करते हैं।

भोजशाला में सरस्वती मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने एक याचिका उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में दायर की थी, जिसकी सुनवाई पर न्यायालय ने एएसआई को पांच सदस्यीय समिति गठित करने के आदेश दिए थे। भोजशाला में उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी की तरह ही एएसआई सर्वे कर रही है।

भोजशाला के चल रहे सर्वे के मद्देनजर पुलिस बल की तैनाती रहती है, वहीं पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भी पुलिस बल सजग है।

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