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नई दिल्ली, 20 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ओमान यात्रा के दौरान एक छोटा-सा डिवाइस लोगों की नजरों से नहीं बच पाया। स्वागत समारोह से लेकर उच्चस्तरीय बैठकों तक पीएम मोदी के बाएं कान में लगा एक सफेद रंग का उपकरण दिखाई दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गईं। देखते ही देखते यह ‘व्हाइट ईयरिंग’ चर्चा का विषय बन गया।

तस्वीरों और वीडियो क्लिप्स में साफ दिख रहे इस डिवाइस को लेकर कई यूजर्स ने सवाल उठाए—क्या यह कोई सुरक्षा उपकरण है, या फिर बातचीत में सहूलियत के लिए इस्तेमाल होने वाला आधुनिक गैजेट? विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे अंतरराष्ट्रीय दौरों में नेताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण आमतौर पर रियल-टाइम ट्रांसलेशन, कम्युनिकेशन सपोर्ट या सिक्योर ऑडियो रिसीविंग जैसे कामों के लिए होते हैं। इससे बहुभाषी बैठकों में बिना रुकावट संवाद संभव हो पाता है।

हालांकि, इस गैजेट को लेकर आधिकारिक स्तर पर कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि वैश्विक मंचों पर यह कोई असामान्य बात नहीं है। कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शीर्ष अधिकारी इस तरह के छोटे, वायरलेस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं ताकि भाषायी बाधाएं दूर रहें और बातचीत गोपनीय व स्पष्ट बनी रहे।

सोशल मीडिया पर जहां कुछ लोग इसे तकनीक का कमाल बता रहे हैं, वहीं कई यूजर्स इसे फैशन एक्सेसरी समझ बैठे। मगर विशेषज्ञों की राय में, यह आधुनिक कूटनीति और सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बैठकों को अधिक प्रभावी बनाता है।

कुल मिलाकर, पीएम मोदी के कान में दिखा यह ‘व्हाइट ईयरिंग’ एक बार फिर यह दिखाता है कि वैश्विक स्तर पर संवाद के तरीके तेजी से बदल रहे हैं और तकनीक इसमें अहम भूमिका निभा रही है।

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