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नई दिल्ली, 15 अगस्त: देश ने आजादी का 79वां पर्व उत्साह और गौरव के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये दिवस 140 करोड़ संकल्पों का महापर्व है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 12वीं बार ध्वजारोहण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा मौजूद रहीं। ध्वजारोहण के साथ ही 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) की ओर से 21 तोपों की सलामी दी गई। इस सलामी के लिए पूरी तरह स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन का इस्तेमाल किया गया। बैटरी की कमान मेजर पवन सिंह शेखावत के पास थी, जबकि नायब सूबेदार अनुतोष सरकार गन पोजिशन ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “आजादी का यह महापर्व 140 संकल्पों का पर्व है। आजादी का ये पर्व सामूहिक सिद्धियों और गौरव का पर्व है। हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा है। भारत के हर कोने से, हिमालय हो या रेगिस्तान हो या समुद्र तट हो, हर तरफ एक ही गूंज है- हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है।”

उन्होंने कहा कि 1947 में अनंत संभावनाओं के साथ कोटि-कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ देश आजाद हुआ। देश का आकांक्षाएं उड़ाने भर रही थीं, लेकिन चुनौतियां उससे भी कुछ ज्यादा थी। पूज्य बापू के सिद्धांतों पर चलते हुए संविधान सभा के सदस्यों ने महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। भारत का संविधान 78 वर्ष से प्रकाश स्तंभ बनकर मार्ग दिखाता रहा है। भारत के संविधान निर्माता डॉ राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहेब अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी रहे हैं। इतना ही नहीं हमारी नारी शक्ति का भी योगदान रहा। मैं इन सभी और संविधान के निर्मातओं को नमन करता हूं। हम आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे भारत के संविधान के लिए जान देने वाले पहले पुरुष थे। धारा 370 की दीवार गिराकर एक देश, एक संविधान के मंत्र को जब साकार किया, तब डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी।’

समारोह से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री ने परेड का निरीक्षण भी किया। ध्वजारोहण से पहले पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों से भेंट की।

लाल किले पर तिरंगे के लहराते ही देशभर में देशभक्ति का माहौल और गहरा हो गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, जवानों और देशवासियों के योगदान को याद करते हुए भविष्य के भारत के लिए अपने विजन को साझा किया।

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