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ब्रिसबेन में वाणिज्य दूतावास खोलेगा भारत : प्रधानमंत्री मोदी

सिडनी/नई दिल्ली, 23 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में बसे प्रवासी भारतीयों की लंबित मांग को पूरा करने के लिए मंगलवार को घोषणा की कि भारत जल्द ही ब्रिसबेन में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया का संबंध आपसी विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित है।

प्रधानमंत्री मोदी सिडनी स्थित कुडोस बैंक एरिना में खचाखच भरे स्टेडियम में भारतीय डायस्पोरा के सदस्यों को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस कार्यक्रम में उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीस भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ना बेहद खुशी की बात है।” उन्होंने अपनी पिछली यात्रा का स्मरण कराते हुए कहा, “जब मैं 2014 में यहां आया था, तो मैंने आपसे वादा किया था कि आपको भारतीय प्रधानमंत्री के लिए फिर से 28 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसलिए मैं एक बार फिर यहां सिडनी में हूं। प्रधानमंत्री अल्बानीस भी यहां मेरे साथ हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब थ्री सी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को परिभाषित करते थे। ये तीन थे- कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी। उसके बाद यह थ्री डी था, लोकतंत्र, डायस्पोरा और दोस्ती! जब यह थ्री ई बना, तो यह ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और शिक्षा के बारे में था।

आगे उन्होंने कहा कि लेकिन सच्चाई यह है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों की वास्तविक गहराई इन सी-डी-ई से परे आपसी विश्वास और आपसी सम्मान के भाव से है और इसके पीछे असली कारण भारतीय प्रवासी हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कितनी भी भौगोलिक दूरियां क्यों न हों हिंद महासागर हमें जोड़ता है। दोनों देशों की जीवनशैली अलग-अलग क्यों न हो, योग हमें जोड़ता है। क्रिकेट एक ऐसी चीज है, जिसने हमें युगों से जोड़े रखा है। अब टेनिस और सिनेमा अन्य जोड़ने वाले सेतु हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष अल्बनीज ने इस दौरान सिडनी के उपनगर हैरिस पार्क का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ कर दिया। मोदी ने सिडनी के एक उपनगर ‘लिटिल इंडिया’ की आधारशिला के अनावरण में समर्थन देने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष का आभार व्यक्त किया।

दरअसल, हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी का एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्यौहारों और कार्यक्रमों का जश्न मनाता है।

प्रधानमंत्री ने दुनिया में भारत की स्थिति को वैश्विक अच्छाई की ताकत के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “जब भी कोई आपदा आती है तो भारत दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है।” उन्होंने भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में ‘उज्ज्वल स्थान’ के रूप में भी सराहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईएमएफ भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का ब्राइट स्पॉट मानता है। विश्व बैंक के अनुसार यदि कोई देश है जो वैश्विक विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है, तो वह भारत है। भारत ने सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी रिकॉर्ड निर्यात किया है।

आगे उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में भारत ने काफी तरक्की की है। हमने गरीब लोगों के लिए करीब 50 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। इतना ही नहीं, दरअसल भारत में पब्लिक डिलीवरी का पूरा इको-सिस्टम ही बदल गया है। 2014 से 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है। जेम ट्रिनिटी और डीबीटी ने देश में एक क्रांति ला दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी में दुनिया का सबसे तेज वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया। आज भारत दुनिया में नंबर-एक स्मार्टफोन डेटा कंज्यूमर है।

उन्होंने आगे कहा कि हम राष्ट्र को भी एक परिवार के रूप में देखते हैं और विश्व को भी एक परिवार मानते हैं। जब भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता की थीम तय करता है, तो कहता है- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य। जब भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए सोलर एनर्जी के बड़े लक्ष्य तय करता है, तो कहता है- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड। जब भारत वैश्विक समुदाय के स्वस्थ रहने की कामना करता है तो कहता है- एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य।

लगातार लग रहे मोदी-मोदी नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि सोलर एलायंस जैसे संघों के लिए हो, डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए या बिग कैट एलायंस का नेतृत्व करने के लिए भारत ने हमेशा विभिन्न राष्ट्रों को जोड़ने के लिए ‘बाइंडिंग फोर्स’ के रूप में काम किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के दौरान खचाखच भरे स्टेडियम में लगातार नारे लगते रहे। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री भी लगातार ताली बजाते हुए प्रसन्न चित दिखे। कार्यक्रम प्रारंभ होने से पहले प्रधानमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। अपने उद्बोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष एंथनी अल्बनीस के साथ दर्शकों से मिले। उनके साथ सेल्फी ली और ऑटोग्राफ भी दिये।

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