जामनगर, 04 मार्च: जंगल जैसे-जैसे नष्ट हो रहे हैं और जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ रहा है, वन्यजीवों का संरक्षण किया जाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में वनतारा का उद्घाटन किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र है। 3,500 एकड़ में फैला यह केंद्र 1.5 लाख से अधिक बचाए गए और विलुप्तप्राय जानवरों को एक प्राकृतिक और सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। यहां पर इनकी देखभाल के लिए अनुभवी विशेषज्ञों की टीम मौजूद है।

अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र की प्रमुख सुविधाओं का निरीक्षण किया, वहां रहने वाले जानवरों को करीब से देखा और उनके साथ समय बिताया। इस दौरान कुछ बेहद प्यारे और कोमल भाव से भरे पल भी देखने को मिले। पीएम ने खुद वनतारा में पल रहे एशियाई शेर, सफेद शेर, क्लाउडेड तेंदुआ और कराकल बिल्ली के शावकों को खाना खिलाया और उनके साथ खेला। सफेद शेर के शावक का जन्म वनतारा में ही हुआ था। उसकी मां को बचाकर यहां लाया गया था। वहीं कराकल, जो कभी भारत में आम हुआ करते थे, लेकिन आज की तारीख में जिनकी बेहद कम संख्या रह गई है, उन्हें वनतारा में जनसंख्या बढ़ाने के लिए एक विशेष संरक्षण योजना के तहत लाया गया है।

वनतारा में एक उन्नत मल्टी-स्पेशियलिटी वन्यजीव अस्पताल है, जो एमआरआई, सीटी स्कैन, आईसीयू, नवजात आईसीयू और गहन चिकित्सा इकाइयों से लैस है। इस अस्पताल में वाइल्डलाइफ एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एंडोस्कोपी, डेंटिस्ट्री और इंटरनल मेडिसिन जैसी कई विशेष सुविधाएं हैं। विजिट के दौरान पीएम मोदी ने एक एशियाई शेर का MRI स्कैन होते देखा और ऑपरेशन थियेटर में तेंदुए की आपातकालीन सर्जरी का निरीक्षण किया। इसे सड़क दुर्घटना के बाद बचाया गया था। हाइड्रोथेरेपी पूल, जो हाथियों को गठिया और चलने-फिरने संबंधी समस्याओं से उबरने में मदद करता है, उनके दौरे के दौरान एक अहम आकर्षण का केंद्र रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां गोल्डन टाइगर, सर्कस से बचाए गए स्नो टाइगर्स, सफेद शेर और स्नो लेपर्ड जैसे दुर्लभ जीवों को करीब से देखा। वे जेब्रा के झुंड के बीच चले, बचाव करके लाए गए ऑरेंगटैन को गले लगाया और चिम्पांजियों के साथ खुले माहौल में समय बिताया। इसके अलावा, उन्होंने एक जिराफ और अनाथ गैंडे के बच्चे को भी खाना खिलाया, जिसकी मां की वनतारा में ही मौत हो गई थी।

वनतारा में दुनिया की कुछ सबसे दुर्लभ प्रजातियां भी हैं, जैसे दो सिर वाला सांप, दो सिर वाला कछुआ, टेपिअर, सील, विशाल ओटर्स और बोंगो हिरण। पीएम मोदी ने हाथियों को उनके उस विशेष जकूजी में उपचार लेते देखा, जिससे उनकी सेहत बेहतर होती है। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े एलिफेंट हॉस्पिटल का भी दौरा किया, जहां बचाए गए हाथियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा दी जाती है।

इस खास मौके को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने बचाए गए तोतों को आजाद किया, जो अपने रंग-बिरंगे पंखों को फैलाते हुए खुले आसमान की ओर उड़ गए। यह कदम वनतारा के उस मिशन को दिखाता है, जिसमें वन्यजीवों के बचाव, उनकी देखरेख और उन्हें आजाद कर प्रकृति के संतुलन को फिर से स्थापित करने की कोशिश शामिल है।

वनतारा में दुनिया भर के अनुभवी पशु चिकित्सक और केयरगिवर काम करते हैं। वनतारा, दुनिया का सबसे प्रभावी वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहां अब तक 2.5 करोड़ से अधिक पेड़ भी लगाए गए हैं, ताकि इस सिमित क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए सबसे बेहतर प्राकृतिक आवास तैयार किया जा सके।

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