मुंबई, 25 दिसंबर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज विनोद कांबली को 5 लाख रुपये की निजी सहायता देने की घोषणा की गई है। कांबली 90 के दशक के स्टाइलिश बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे हैं। फिलहाल उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक नहीं है और उनको ठाणे (भिवंडी) के आकृति अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को जैसे ही कांबली के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिली, उनके आदेशानुसार उनके ओएसडी मंगेश चिवटे ने उनसे मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आकृति अस्पताल के डॉक्टरों से कांबली के लिए सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया।

विनोद कांबली पिछले कुछ दिनों से बीमार हैं। चिवटे के अनुसार, कुछ दिन पहले आकृति अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम कांबली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए बांद्रा स्थित उनके आवास पर गई थी। उस समय उन्होंने कांबली के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सलाह दी कि यदि संभव हो तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए। इसके बाद कांबली के परिवार ने उन्हें आकृति अस्पताल में भर्ती कराया।

वहीं, क्रिकेटर विनोद कांबली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कल्याण लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांबली को 5 लाख रुपये की निजी सहायता देने की घोषणा की है। यह मदद श्रीकांत शिंदे की फाउंडेशन के माध्यम से की जाएगी। यह सहायता अगले सप्ताह प्रदान की जाएगी तथा सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे आने वाले दिनों में भारत के पूर्व आक्रामक बल्लेबाज को और सहायता प्रदान करते रहेंगे।अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम कांबली का इलाज कर रही है।

हाल में ही कांबली अपने कोच रमाकांत आचरेकर से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां सचिन तेंदुलकर ने भी शिरकत की थी। सचिन और कांबली ने बचपन में एक साथ क्रिकेट का पाठ रमाकांत आचरेकर के मार्गदर्शन में सीखा था। दोनों ही क्रिकेटर लंबे समय से एक दूसरे के दोस्त हैं और भारतीय क्रिकेट में सचिन-कांबली की दोस्ती के कई किस्से मशहूर हैं।

हालांकि कांबली ने कुछ मौकों पर सचिन की यह कहकर भी आलोचना की थी कि मास्टर ब्लास्टर चाहते तो उनको खराब स्थिति से बाहर निकाल सकते थे, लेकिन सचिन ने इसके लिए खास प्रयास नहीं किए। इन उतार-चढ़ाव के बावजूद भी दोनों क्रिकेटरों की दोस्ती फिर से पटरी पर आ गई थी। लेकिन मौजूदा समय में कांबली वित्तीय और स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे हैं।

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