जयपुर, 17 दिसंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जयपुर में ऊर्जा, सड़क एवं रेलवे से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं से राजस्थान के पर्यटन, यहां के किसानों और नौजवानों को बहुत फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने यहां दादिया में आयोजित ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ कार्यक्रम में इन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में किया गया था।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं राजस्थान में पेयजल की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगी और राजस्थान को देश में सबसे बेहतर संपर्क वाले राज्यों में से एक बनाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा। रोजगार के कई अवसर बनेंगे। राजस्थान में पर्यटन, यहां के किसानों, नौजवानों को इससे बहुत फायदा होगा।’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल से जुड़ी 46,300 करोड़ रुपये से अधिक की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की नौ परियोजनाओं का उद्घाटन किया जिनमें केंद्र सरकार की सात और राज्य सरकार की दो परियोजनाएं शामिल हैं।
इसी तरह, उन्होंने 35,300 करोड़ रुपये से अधिक की 15 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें केंद्र सरकार की नौ और राज्य सरकार की छह परियोजनाएं शामिल हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें नवनेरा बैराज, स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन नेटवर्क और परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली से जुड़ी परियोजनाएं, रेलवे के भीलड़ी-समदड़ी-लूणी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ खंड का विद्युतीकरण शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, ये परियोजनाएं लोगों के आवागमन को सुगम बनाने और प्रधानमंत्री के हरित ऊर्जा के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगी।
इसी तरह, प्रधानमंत्री ने 9,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से रामगढ़ बैराज और महलपुर बैराज के निर्माण कार्य तथा चंबल नदी पर नहर के माध्यम से नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध और ईसरदा बांध तक पानी पहुंचाने की प्रणाली की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने सरकारी कार्यालय भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पूगल (बीकानेर) में 2000 मेगावाट के एक सौर पार्क और 1000 मेगावाट के दो चरणों के सौर पार्कों के विकास तथा सैपऊ (धौलपुर) से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामाण एवं पहाड़ी तथा चंबल-धौलपुर-भरतपुर तक पेयजल आपूर्ति लाइन के ‘रेट्रोफिटिंग’ (पुरानी या कम कुशल व्यवस्था में बदलाव किए बिना नई, अधिक ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों को लगाने की प्रक्रिया) कार्य का भी शिलान्यास किया।
उन्होंने लूणी-समदड़ी-भीलड़ी डबल लाइन, अजमेर-चंदेरिया डबल लाइन और जयपुर-सवाई माधोपुर डबल लाइन रेलवे परियोजना के साथ-साथ अन्य ऊर्जा पारेषण से संबंधित परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया।