डिलीवरी के बाद सबका ध्यान बच्चों की तरफ होता है माता की तरफ कम
बच्चों के साथ-साथ माता की डाइट का भी ध्यान रखें
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद शरीर को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। क्योंकि अक्सर हमारे समाज की यह आदत है डिलीवरी के बाद लोगों का ध्यान बच्चों की तरफ ज्यादा होता है और माता की तरफ कम
नॉर्मल डिलीवरी के बाद शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। पानी पीने से शरीर में से सभी टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और शरीर के अंग ठीक से काम करते हैं। इसके अलावा, यदि आप स्तनपान कर रही हैं, तो हाइड्रेशन लेवल को बनाए रखना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे दूध उत्पादन में मदद मिलती है।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद, डाइट में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए: डाइट में प्रोटीन, आयरन, फ़ाइबर, और कैल्शियम की कमी न होने दें. शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं. डाइट में ताज़े फल और हरी सब्ज़ियां शामिल करें. ड्राई फ़्रूट्स जैसे बादाम,अखरोट, काजू, किशमिश, खजूर, और अंजीर खाएं. प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दूध, पनीर, सोया, और दालें खाएं. ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड के लिए अखरोट, अलसी, और सालमन खाएं. डिलीवरी के बाद रोज़ाना दो बार दलिया खाएं. खिचड़ी को अपनी डाइट का हिस्सा ज़रूर बनाएं. खरबूज़े में पोटैशियम की मात्रा होती है, जो शरीर का आलस कम करता है और थकान कम करता है. अंडे में ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड होता है, जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन के खतरे को कम कर सकता है. डिलीवरी के बाद, इन चीज़ों से बचना चाहिए मसालेदार भोजन, तैलीय खाद्य पदार्थ, गैस बनाने वाले फ़ूड्स.