नई दिल्ली, 16 नवंबर : श्री हंस नगर पंडवाला कलां में श्री हंस जयंती के उपलक्ष्य में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए सद्भावना की नितांत आवश्यकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री महाराज ने कहा कि सनातन वह शक्ति है जो पहले भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी। आज हमें सद्भावना की मिसाल कायम कर समाज को एक सूत्र में पिरोने की आवश्यकता है। समाज में भाईचारा, प्रेम, अहिंसा का परस्पर सौहार्द से हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सदभावना हो, विश्व का कल्याण हो। इसी विचारधारा से हम सबको मिलकर राष्ट्र के निर्माण में अपना सहयोग करना है। श्री महाराज ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें पेड़-पौधों का संरक्षण व संवर्द्धन पर ध्यान देना होगा जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
सम्मेलन में श्री विभु जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज युवा पीढ़ी को अपनी पुरातन संस्कृति एवं मानवीय मूल्यों को अंगीकार कर आगे आना होगा ताकि समाज के अंदर आपसी वैचारिक मतभेद समाप्त हो। कार्यक्रम के दौरान समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा मंच पर उपस्थित श्री महाराज जी, गुरु माता अमृता जी सहित अन्य दिव्य विभूतियों का फूल-मालाओं व पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। अनेक तीर्थों से पधारे संत-महात्मगणों ने भी अपने सत्संग विचार रखें। अनेक भजन गायक कलाकारों ने अपने सुमधुर भजनों के माध्यम से जनमानस को मंत्र मुग्ध कर दिया। मंच संचालन महात्मा हरिसंतोषानंद जी ने किया।