मुंबई, 14 जून: शिखर बैंक घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। इस मामले में मुंबई पुलिस की ओर से क्लीन चिट देने को अन्ना हजारे ने सेशन कोर्ट में निषेध याचिका दाखिल करके चुनौती दी है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस याचिका पर सुनवाई 29 जून को होगी।
शिखर बैंक घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है, क्योंकि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने वित्तीय अपराध शाखा की दायर अतिरिक्त क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने उनकी आपत्ति स्वीकार कर ली है और विरोध याचिका दायर करने का समय दे दिया है। इस मामले की सुनवाई 29 जून को होगी।
शिखर बैंक ने 2005 से 2010 के बीच राज्य में सहकारी चीनी मिलों, सहकारी धागा मिलों, कारखानों और अन्य कंपनियों को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक लोन बांटे थे। बाद में पता चला कि यह सभी लोन गलत तरीके से दिए गए थे। इस मामले की शिकायत अन्ना हजारे ने मुंबई पुलिस से की थी और पुलिस ने छानबीन की। इसके बाद पुलिस ने शिखर बैंक के निदेशक अजित पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, लेकिन कुछ महीने पहले पुलिस की वित्तीय अपराध शाखा ने एक अतिरिक्त क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी। वित्तीय अपराध शाखा ने क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि लोन वितरण और चीनी कारखाने की बिक्री के संबंध में बैंक को किसी भी नुकसान का कोई सबूत नहीं मिला।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और माणिकराव जाधव ने इस क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में निषेध याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई सेशन कोर्ट में हुई। कोर्ट ने निषेध याचिका पर सुनवाई 29 जून को तय की है। इसलिए इस निषेध याचिका के बाद अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ने के आसार बन गए हैं।
शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि अन्ना हजारे को राज्य में हुए अन्य सभी घोटालों पर भी आवाज बुलंद करनी चाहिए और दिल्ली के रामलीला मैदान पर आंदोलन करना चाहिए। राऊत ने कहा कि दिल्ली में अन्ना हजारे के आंदोलन में मेरे साथ सभी लोग उपस्थित रहूंगा।