देहरादून, 02 मार्च: उत्तराखंड में भारत, चीन पर स्थित माणा गांव के पास शुक्रवार को हुए हिमस्खलन की चपेट में आकर लापता चल रहे सभी चार श्रमिकों के शव रविवार को खोज एवं बचाव दलों ने बरामद किए।

इससे पहले शनिवार रात चार श्रमिकों के शव बरामद किए गए थे। इस प्रकार अब तक कुल आठ श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में उपचार किया जा रहा है।

आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने आज शाम बताया कि खोज एवं बचाव दलों द्वारा युद्व स्तर पर किए गए रेस्क्यू कार्य अब पूर्ण हो चुका है। उन्होंने बताया कि ज्योतिर्मठ में मृत श्रमिकों का पोस्टमार्टम किए जाने की कार्रवाई गतिमान है। मृतकों के शवों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों का एम्स में उपचार किया जा रहा है। एम्स, ऋषिकेश प्रशासन से प्राप्त सूचना के अनुसार, उनकी स्थिति में सुधार है। उन्होंने बताया कि वृहद स्तर पर संचालित रेस्क्यू अभियान के दौरान, आज चार शव बरामद हुए हैं जबकि कल भी चार शव बरामद किए गए थे। इस तरह कुल आठ शव अब तक बरामद किए गए हैं।

श्री सुमन ने बताया कि बदरीनाथ/माणा से सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 46 श्रमिकों में से 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी है। उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू अभियान को गति देने के लिए आज जीपीआर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एमआई-17 हैलीकाप्टर द्वारा घटना स्थल के लिए भेजा गया। इसके अलावा, एनडीआरएफ द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा गया तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रैस्क्यू अभियान संचालित किया गया।

श्री सुमन ने बताया कि मृतकों में उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड के आठ श्रमिक शामिल है। इसमें महेंद्र पुत्र देशराज, निवासी ग्राम शो, पोस्ट खांवड़ा, जनपद कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश, जितेंद्र सिंह पुत्र कुलवंत सिंह, निवासी ग्राम गढ़िया नसीबगंज, तहसील बिलासपुर, जनपद रामपुर, उत्तर प्रदेश, मंजीत यादव पुत्र शंभू यादव, निवासी ग्राम सारवान, बबनीपुर, पोस्ट सरला खसी, तहसील व जनपद मऊ, उत्तर प्रदेश, आलोक यादव पुत्र शिवपाल सिंह, निवासी ग्राम बद्री बिलाई, पोस्ट रिनिया, तहसील अकबरपुर, जनपद कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश, हरमेश चंद्र पुत्र ज्ञान चंद्र, निवासी ग्राम कोठारखुर्द, पोस्ट ऊना, जनपद ऊना, हिमाचल प्रदेश, अनिल कुमार, निवासी ग्राम बरी, पोस्ट बारा, तहसील किच्छा, जनपद उधमसिंह नगर, अशोक पासवान, निवासी ग्राम हस्बा, पोस्ट फतेहपुर, थाना यारियांव, जनपद फतेहपुर, उत्तर प्रदेश और अरविंद कुमार सिंह, निवासी गोकुल धाम सोसाइटी, क्लेमेनटाउन, जनपद देहरादून, उत्तराखंड कुल आठ श्रमिक शामिल हैं।

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