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सीमावर्ती और पहाड़ी क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं : राजनाथ सिंह

– रक्षामंत्री राजनाथ ने 35 परियोजनाओं का किया लोकार्पण

देहरादून, 19 जनवरी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को जोशीमठ के ढाक पहुंचे। रक्षा मंत्री ने यहां से भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बनाए गए पुल समेत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित देश के विभिन्न जगहों की 35 परियोजनाओं का लोकार्पण किया।

रक्षा मंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्दाख में 03 सड़क व 6 ब्रिज, हिमाचल प्रदेश में 01 ब्रिज, सिक्किम में 02 सड़क, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उपस्थित होने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज 670 करोड़ की लागत से 35 बीआरओ प्रोजेक्ट को राष्ट्र को समर्पित करना मेरे लिए गर्व और सम्मान का क्षण है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से बीआरओ ने इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में जिस क्षमता से कार्य किया है, वह अभूतपूर्व है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सीमावर्ती और पहाड़ी क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधा बहाल की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की सोच अन्य सरकारों से अलग है। पहले की सरकारों के लिए बॉर्डर एरिया अंतिम होता था, लेकिन हमारी सरकार की सोच बॉर्डर एरिया चेहरा है। इसलिए हम सीमाओं पर भी विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। आज देश में हर सीमावर्ती इलाकों में सड़कें, सुरंगों और पुलों के माध्यम से कनेक्टिविटी दी जा रही है। इसका सुरक्षा के साथ ही बॉर्डर एरिया पर रह रहे लोगों के विकास और कल्याण से संबंध जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सीमा से जुड़े लोग किसी सिपाही से काम नहीं है यह हमारी सरकार की मान्यता है।

उन्होंने कहा कि पहले के समय में सीमावर्ती इलाकों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। उसे समय की सरकार अलग मानसिकता से काम करती थी। उनके हिसाब से मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्य धारा के लोग होते थे। अब हमारी सरकार ने पुरानी सोच को बदला है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार संकल्पित होकर सीमावर्ती और पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सीमा पर सैनिकों की तैनाती ही नहीं वहां के स्थानीय लोगों की मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी काम कर रही है। हम सीमावर्ती इलाकों को बफर जोन में नहीं मेन स्ट्रीम का हिस्सा मानते हैं। सीमावर्ती इलाकों में ही हम अपनी तैनात सेनाओं और वहां के लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे, जो सेना और सुरक्षा दोनों के लिए सहायक हो।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीमा के आखिरी छोर तक विकास की परियोजनाओं को ले जाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश के विकास सागर से लेकर सीमाओं तक पहुंचे।

राजनाथ ने कहा कि हाल ही में सीमावर्ती राज्यों में जिस प्रकार से प्राकृतिक आपदाएं घटित हुई हैं उस पर अध्ययन करने की जरूरत है। हिमालय का विस्तार अन्य राज्यों में भी है लेकिन कुछ राज्यों में घटनाएं घटी हैं जिसे अनदेखी नहीं किया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन केवल मौसम से नहीं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ भी विषय है। रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है। इस मामले में मित्र राष्ट्रों से भी सहयोग लेने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से बीआरओ ने जिस तत्परता से इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम किया है वह अभूतपूर्व और प्रशंसनीय है। उन्होंने बताया कि 2023 में 125 प्रोजेक्ट को पूरा कर बीआरओ ने एक रिकॉर्ड बनाया है। प्रत्येक उद्घाटन बीआरओ की प्रतिबद्धता और उनकी मेहनत का प्रतीक बनकर उभरा है।

रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा मुख्यमंत्री धामी ने बीआरओ के हर प्रोजेक्ट में तत्परता के साथ बढ़ चढ़कर साथ काम किया है। धामी के नेतृत्व में राज्य विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है।

रक्षा मंत्री ने सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस कार्य में बीआरओ महिला कामगारों की विशेष भूमिका रही है। इस कार्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रात दिन लगकर जिस तत्परता से कार्य किया, वह प्रशंसनीय है।

कार्यक्रम में मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, लेफ्टिनेंट जनरल लद्दाख ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा, पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, एडीजी बीआरओ हरेन्द्र सहित अन्य मौजूद रहे।

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