नई दिल्ली, 03 अक्टूबर: आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस बढ़ाकर शिक्षा माफियाओं को फायदा पहुंचाने के बाद भाजपा सरकार अब निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पतालों को बर्बाद कर रही है।
आप की दिल्ली इकाई के संयोजक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने करीब आठ महीने हो गये हैं। इस समय दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत खराब है। सरकारी अस्पतालों के इतने बुरे हाल कभी नहीं थे। एक समय था जब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी दवाइयां मुफ्त मिलती थीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के समय दिल्ली सरकार के अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्कैन नहीं हो रहा या कोई जांच नहीं हो पा रही तो निजी जांच केंद्र में भेजकर मुफ्त जांच कराई जाती थी। अगर कोई ऑपरेशन समय पर सरकारी अस्पताल में नहीं हो पा रहा था, मरीजों का बोझ ज्यादा है, या सर्जन उपलब्ध नहीं होते थे, तो निजी अस्पताल में इलाज कराया जाता था।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आठ महीनों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता हाल में पहुंच गयी है। दवाइयां, सर्जरी के उपकरण, दस्ताने और प्रत्यारोपण जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को अपनी जेब से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। यही हाल राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों की भी है।
आप नेता ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवाइयों की कमी पैदा करके मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर धकेला जा रहा है। पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल सरकार में सभी दवाइयां और जांचें मुफ्त थीं, अगर सरकारी अस्पताल में सुविधा नहीं मिलती, तो निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया जाता था।
आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने छह महीनों में ही दिल्ली के अस्पतालों का क्या हाल कर दिया है? आज दिल्ली की जनता दवाई, स्ट्रेचर और ग्लव्स तक के लिए तरस रही है। ये वही दिल्ली है जहां श्री केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए बड़ी मुश्किल से इन अस्पतालों को ठीक किया था और यह सुनिश्चित किया था कि किसी भी सरकारी अस्पताल में आम आदमी को दवाई बाहर से नहीं खरीदनी पड़े, लेकिन भाजपा ने छह महीनों में सब बर्बाद कर दिया।