नई दिल्ली, 18 फरवरी: आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक सत्येंद्र जैन की प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित करने की याचिका का पिछले साल विरोध करने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने यू-टर्न लिया है। एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह जैन के अनुरोध से ‘सहमत’ है।
जैन ने पिछले साल मई में राउज एवेन्यू जिला अदालत में पहली बार याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोप तय करने के चरण में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित कर दी जाए। उन्होंने कहा था कि मामले में जांच जारी है, लेकिन आरोप तय करने के लिए इसे पूरा नहीं माना जा सकता। जैन ने यह भी बताया था कि अपराध की आय पर ‘अलग-अलग राय’ रही है और सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की आगे की जांच शुरू कर दी, जिसका नतीजा उस समय लंबित था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने अदालत के सामने जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री का आवेदन ‘कानून की प्रक्रिया का घोर उल्लंघन और दुरुपयोग है।’ केंद्रीय एजेंसी ने जैन पर ‘इस अदालत को मुकदमे की कार्यवाही आगे बढ़ने से रोककर गतिरोध पैदा करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया। स्पेशल जज (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) राकेश स्याल ने तब 4 सितंबर, 2024 के आदेश में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करने से इनकार कर दिया था।
बाद में, जैन ने पिछले साल नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। सोमवार को ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने जस्टिस विकास महाजन को बताया कि सीबीआई द्वारा 3 जनवरी को दर्ज किए गए मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने सहित ‘बाद में कई घटनाक्रम’ हुए हैं। हुसैन ने यह भी बताया कि सीबीआई जांच के बाद ‘आय से अधिक संपत्ति’ की राशि अब 1.47 करोड़ रुपये से संशोधित होकर 3.95 करोड़ रुपये हो गई है।
हुसैन ने कहा, ‘हमारी (ईडी की) ओरिजनल पीसी (अभियोजन पक्ष की शिकायत) 1.47 करोड़ के अपराध पर दायर की गई है। (ईडी) (इस हाईकोर्ट) से यह नहीं पूछ रही है कि क्या आरोप जारी रह सकते हैं, लेकिन एक सीमित सीमा तक, मैं याचिकाकर्ता की (प्रार्थना) से सहमत हूं कि आरोपों पर बहस स्थगित कर दी जाए।’ हालांकि, जैन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि वे ईडी के आवेदन पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं।