Headline
सीएम आतिशी ने रंगपुरी पहाड़ी का किया दौरा, जल्द समस्याओं के समाधान का दिया भरोसा
किसानो को सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन देना सर्वोच्च प्राथमिकता: ऊर्जा सचिव
संभल में तीर्थ प्रकट हो रहे हैं मतलब भगवान कल्की अवतार लेने वाले हैं: आचार्य कृष्णम
सरकार एयरपोर्ट्स पर शुरू करेगी यात्रियों के लिए सस्ती कैंटीन, संसद में राघव चड्ढा ने उठाया था महंगे खानपान का मुद्दा
भाजपा ने की केजरीवाल के पूर्वांचल के लोगों को बंगलादेशी और रोहिंग्या से जोड़ने की कड़ी निंदा
सोमवार से महिला सम्मान और संजीवनी योजना का रजिस्ट्रेशन
आम आदमी पार्टी के पिछले 10 वर्षों के कुशासन ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है : विजेंद्र गुप्ता
‘महिला सम्मान’ और ‘संजीवनी’ योजना केजरीवाल का चुनावी जुमला : बांसुरी स्वराज
तेजस्वी ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की, बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग का किया समर्थन

संपत्ति सृजनकर्ताओं पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए: धनखड़

नई दिल्ली, 10 नवंबर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वाणिज्य और व्यवसाय से जुड़े लोगों पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए, क्योंकि वे ही नौकरी और संपत्ति के सृजनकर्ता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ का सिद्धांत कुछ व्यक्तियों के वित्तीय लाभ से अधिक महत्वपूर्ण है।

धनखड़ ने यहां एक निजी शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”उन्होंने हमेशा इस बात की वकालत की है कि व्यापार, वाणिज्य, उद्योग से जुड़े लोगों पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए। उन्हें समाज में सम्मान मिलना चाहिए।”

उपराष्ट्रपति का मानना है कि यह वर्ग नौकरी और संपत्ति का सृजन करता है और सामाजिक सद्भाव में योगदान देता है। उन्होंने कहा, ”वे अर्थव्यवस्था के चालक हैं… उन्होंने इस देश में समाज को कुछ वापस देने की कला सीखी है।” उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी उद्यमियों का योगदान रहा है। उपराष्ट्रपति ने आर्थिक राष्ट्रवाद के सिद्धांतों का पालन करने की जरूरत पर भी जोर दिया, और कहा कि अनावश्यक आयात पर अंकुश लगाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top