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पटना, 15 अगस्त: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की अपील की और अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए आज कहा कि यदि राज्य को विशेष दर्जा दिया गया होता तो वह और अधिक विकास होता।

नीतीश कुमार ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राष्ट्र ध्वज फहराते हुए कहा कि केंद्र द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के बाद उन्होंने बिहार में विकास गतिविधियों की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विकास प्रक्रिया में समाज के हर वर्ग पर समान जोर दिया गया। मदरसों में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया और उन्हें मजबूत किया गया है।

उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षकों का वेतन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बराबर कर दिया गया है। सुन्नी और शिया वक्फ बोर्डों से संबंधित भूमि को भी सामुदायिक हॉल, बाजार परिसरों और अन्य विभिन्न निर्माण गतिविधियों के जरिए विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम महिला परित्यक्ता योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया गया है और अब तक 14967 मुस्लिम महिलाओं को योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें किसी भी अप्रिय गतिविधियों से बचाने के लिए चारों ओर चारदीवारी बनाने के लिए मंदिर सीमा निर्माण योजना शुरू की है। पहले 60 साल से अधिक पुराने मंदिरों के चारों ओर चारदीवारी का निर्माण किया जा रहा था लेकिन धार्मिक न्यास परिषद के तहत पंजीकृत सभी मंदिरों के चारों ओर बाउंड्री बनाने का निर्णय लिया गया है।

सीएम ने मीडिया की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार का नाम लिए बिना कहा कि पूरे मीडिया को हाईजैक कर लिया गया है और इसे अपने प्रचार उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मीडिया को खुली छूट नहीं दी गई है और वह आदेश के अनुसार खबरों को प्रकाशित और प्रसारित करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के बाद मीडिया स्वतंत्र हो जाएगा और अपनी मर्जी से समाचार प्रकाशित एवं प्रसारित करेगा।

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