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वाराणसी में भावुक हुए पीएम मोदी: ‘मैं अभिभूत और भाव विभोर हूं… आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया’

वाराणसी, 14 मई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामांकन से एक दिन पहले सोमवार की शाम बीएचयू गेट के सामने स्थित महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ ही रोड शो किया। भाजपा का दावा है कि बीएचयू से काशी विश्वनाथ मंदिर तक आठ किलोमीटर के लंबे रोड शो में करीब पांच लाख शामिल हुए हैं। यह अब तक सबसे सफलतम रोड शो रहा, जो 2:30 घंटे में पूरा हुआ।

लंका चौराहे से अस्सी तक कई मंचों से आरती और शंखनाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, लोकगीत के माध्यम से सर्व समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। रथ पर प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी रहे। मदनपुरा में मुस्लिम महिलाओं ने हर हर मोदी के नारे लगाते हुए पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। लंका से अस्सी तक कई मंचों से आरती और शंखनाद कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। कहीं ढोल-नगाड़े बजे तो कहीं वाद्य यंत्र अपना राग छेड़ रहे थे। जगह जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, लोकगीत हो रहे थे। बटुक, सन्यासियों ने मंत्रोच्चार के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री को देखने के लिए छोटे-छोटे बच्चे बैरिकेडिंग की जाली से झांक रहे थे तो कई महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर खड़ी थीं।

भगवा गढ़ में भगवा माहौल, भगवा रथ, मोदी का परिधान भी भगवा

जय श्रीराम के उद्घोष के बीच प्रधानमंत्री ने महामना को माल्यार्पण कर अपार जनसमूह का दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया। यहां से उन्होंने भगवा रथ से रोड शो की शुरूआत की। लंका चौराहे से संत रविदास द्वार की ओर बढ़े। पूरे मार्ग को इस तरह से सजाया गया था मानों शहर में दिवाली हो। लंका से विश्वनाथ धाम तक प्रधानमंत्री के लिए बनाए गए 100 ज्यादा मंच पर मौजूद लोग मंगलाचरण, भक्ति गीतों और लोक नृत्यों के साथ ही शंख, शहनाई और डमरू बजा कर प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहे थे। खास वेशभूषा में अर्चक आरती कर मोदी का स्वागत कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो के बाद एक्स पर पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि आज मेरा रोम-रोम काशी के कण-कण का अभिनंदन कर रहा है। रोड शो में आप सबसे जो अपनत्व और आशीर्वाद मिला है, वो अकल्पनीय और अतुलनीय है। मैं अभिभूत और भावविभोर हूं। आपके स्नेह की छांव में 10 वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला। तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है। मुझे जब-जब काशी आने का सौभाग्य मिला, हर बार आपने पलक-पांवड़े बिछाए हैं। इस बार यहां के बच्चों से बुजुर्गों तक और नारी शक्ति से मेरे युवा साथियों तक सभी ने बढ़-चढ़कर जो भागीदारी की है, वह सदा के लिए मेरे हृदय-पटल पर अंकित रहेगी।

अपनेपन की यह प्रगाढ़ भावना मुझे अपनी काशी और यहां के परिवारजनों की ज्यादा से ज्यादा सेवा के लिए असीम ऊर्जा प्रदान करेगी। बीते 10 वर्षों में आप सभी के सहयोग और सहभागिता से काशी के कायाकल्प में मैंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। आज बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर देश की गरिमा के अनुरूप काशी की पहचान की भव्य-दिव्य झांकी बना है।

हमने एक दशक में रेल, रोड और एयर नेटवर्क का विस्तार हो या अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्वच्छता से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तक कई अभूतपूर्व काम किए हैं। 10 साल में काशी में सड़कों और सेतुओं का जाल बिछा है।

वंदे भारत, जन शताब्दी और बनारस-कन्याकुमारी तमिल संगमम एक्सप्रेस सहित कई नई ट्रेनों के साथ ही रेलवे का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण हुआ है। हमने हर क्षेत्र में वाराणसी के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। बनास काशी संकुल के जरिये हमारे किसान भाई-बहनों की आय बढ़ी है, वहीं नारीशक्ति के सपने भी हकीकत में बदले हैं।

पर्यटन से जुड़ी अनेक सुविधाओं के विकास और विस्तार से युवाओं के लिए रोजगार के नित-नए अवसर बन रहे हैं। गंगा के घाट स्वच्छता और सुंदरता की मिसाल बने हैं। इसके अलावा क्रूज बोट के परिचालन, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, काशी-तमिल संगमम और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने से आज काशी में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।

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