राम काज को समर्पित जीवन का हुआ अंत, राष्ट्र ने खोया एक तपस्वी योद्धा

अयोध्या, 15 दिसंबर: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और संत समाज के प्रतिष्ठित चेहरे डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया। वे लंबे समय से ब्लड प्रेशर से जुड़ी गंभीर बीमारीसे जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से संत समाज, राजनीतिक जगत और करोड़ों रामभक्तों में गहरा शोक व्याप्त है।

डॉ. वेदांती ने महज 12 वर्ष की आयु से ही राम मंदिर आंदोलन की अलख जगानी शुरू कर दी थी। पूरा जीवन उन्होंने ‘राम काज’ को समर्पित कर दिया। आंदोलन के कठिन दौर में वे न केवल वैचारिक नेतृत्व करते रहे, बल्कि जमीन पर संघर्ष का प्रतीक भी बने। उनकी निर्भीक वाणी और अडिग संकल्प ने आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा दी।

उनके जाने से राम मंदिर आंदोलन ने अपना एक सच्चा रक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है। संतों और राजनीतिक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. वेदांती का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

अयोध्या समेत देशभर में शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। रामभक्तों की आंखें नम हैं, लेकिन सभी के मन में एक ही भाव है—

राम काज में जीवन अर्पित करने वाले इस महापुरुष की विरासत अमर रहेगी।

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