नई दिल्ली, 12 जून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के पर्वतारोहण अभियान दल को गुरूवार को यहां दस लाख रूपये की राशि प्रदान कर सम्मानित किया।

रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को यहां एक वक्तव्य जारी कर बताया कि अभियान दल के कैडेटों ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की। अभियान दल के सदस्यों की औसत आयु 19 वर्ष है और इनमें पांच लड़कियां और पांच लड़के शामिल है। दल ने गत 18 मई को माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।

रक्षा मंत्री ने कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में टीम के अदम्य साहस, धैर्य और देशभक्ति का सम्मान करते हुए कठिन परिस्थितियों में यह उपलब्धि हासिल करने के लिए उन्हें 10 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। साउथ ब्लॉक में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कैडेटों ने अभियान के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में कठोर प्रशिक्षण, सावधानीपूर्व योजना और चुनौतियों की जानकारी दी।

श्री सिंह ने साहस, अनुशासन और धैर्य के लिए टीम की सराहना की। कैडेटों को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान के साथ बहादुर कैडेटों ने यह संदेश दिया है कि देश के युवाओं के लिए दुनिया की सबसे ऊंची चोटी भी कोई सीमा नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि कैडेट भविष्य की चुनौतियों का उसी साहस और दृढ़ संकल्प के साथ सामना करेंगे जैसा उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढाई के दौरान दिखाया था।

रक्षा मंत्री ने कैडेटों में राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने और उन्हें शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से मजबूत बनाकर उनके सामाजिक कौशल को विकसित कर समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एनसीसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कैडेटों के परिवार के सदस्यों की भी सराहना की जिन्होंने इस प्रयास में उनका साथ दिया।

इस अवसर पर एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह भी उपस्थित थे। एनसीसी के कैडेटों ने 2013 और 2016 के बाद तीसरी बार यह उपलब्धि हासिल की है। अभियान दल में 10 कैडेट, अधिकारियों की एक टुकड़ी, जूनियर कमीशन अधिकारी, प्रशिक्षक और गैर-कमीशन अधिकारी शामिल थे। दल में सूबेदार मेजर बलकार सिंह भी शामिल थे जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले भारतीय सेना के पहले सूबेदार मेजर थे। दल के युवा कैडेट की उम्र महज 16 साल थी। रक्षा मंत्री ने अभियान दल को औपचारिक रूप से गत तीन अप्रैल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

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