Headline
डिजिटल एडवर्ड्स: दिल्ली के डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में अग्रणी
शरीफ सिमनानी स्किन क्लिनिक पर 78 वां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया गया झंडा तोलन, पुलिस पदाधिकारी रहे मौजूद
नारद बाबा के आश्रम पर श्री सहस्त्रचण्डी महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा की तैयारी पूरी
दिल्ली की मंत्री आतिशी का अनशन तीसरे दिन भी जारी, कहा हरियाणा से नहीं आ रहा पानी
लोकसभा का सत्र सोमवार से, महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सदन में शोरगुल के आसार
महाराष्ट्र: नीट पेपर लीक मामले में दो शिक्षक गिरफ्तार
अब मोतिहारी में गिरा निर्माणाधीन पुल, एक हफ्ते में तीसरी घटना
इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल
बिहार में 26 जून से होने वाली शिक्षक सक्षमता परीक्षा स्थगित, जल्द घोषित की जाएगी नई तिथि

मोदी ने जी-20 के मंच पर भी दोहराया सबके साथ सबका विकास का मंत्र

नई दिल्ली, 09 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 देशों के 18वें दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यहां आए विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया और कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में दुनिया को एक साथ एवं सही दशा में ले जाने के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ की सोच महत्वपूर्ण है।

श्री मोदी ने भारतमंडपम में जी20 देश के नेताओं के शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए वर्तमान वैश्विक परिवेश में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ का मंत्र दोहराया और कहा कि भारत में ये ‘पीपल्स जी-20’ बन गया है। दुनिया में विश्वास के अभाव का संकट है और इस संकट को सबको मिलकर दूर करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया की सदियों पुरानी समस्याओं के समाधान का वक्त आ गया है और 21वीं सदी का जी20 सम्मेलन बरसों पुरानी चुनौतियां का नया समाधान मांग रहै है। यह समय साथ मिलकर चलने का है क्योंकि 21वीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा “आज जी 20 के अध्यक्ष के रूप में भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है। यह हम सभी के लिए एक साथ आगे बढ़ने का समय है।” उन्होंने कहा कि यह समय ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर चुनौयियो से निपटने का बन सकता है। चुनौतियां चाहे उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन की हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी की हो, भोजन और ईंधन के प्रबंधन की हो, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा की हो, हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए इन सबका ठोस समाधान ढूंढना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top