नई दिल्ली, 09 नवंबर: दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने शनीवार को रोहिणी जोन के विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य जोन के कचरा-संवेदनशील स्थानों की स्थिति का मूल्यांकन करना और सफाई तथा बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए तत्काल उपायों को लागू करना था। डॉ. ओबरॉय के साथ इस निरीक्षण में डिप्टी कमिश्नर पेबिका लेगो, स्थानीय पार्षद संतोष देवी, दौलत पवार और वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी भी शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान डॉ. ओबरॉय ने बताया कि कचरे का अनुचित तरीके से निपटान किया जा रहा है, जिससे कचरा बिखरने, अनधिकृत डंपिंग, अस्वच्छ परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं और सर्विस लेन में कचरा फैल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कचरे को मुख्य सड़कों से दिखाई देने से रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाएं। एक महत्वपूर्ण अवलोकन में डॉ. ओबरॉय ने वार्ड 45 और 46 में एफसीटीएस (फिक्स्ड कम्पैक्टेड ट्रांसफर स्टेशन) की अनुपलब्धता का संज्ञान लिया, जिससे ठोस कचरा प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में एफसीटीएस सुविधाओं के लिए भूमि के नियोजन और आवंटन को प्राथमिकता दी जाए।

साथ ही, तब तक अस्थायी उपाय अपनाए जाएं। स्थानीय अधिकारियों ने डॉ. ओबरॉय को बताया कि इन वार्डों में जमीन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) जैसे अन्य एजेंसियों से भूमि स्थानांतरण के प्रयास जारी हैं। इसके अतिरिक्त, मेयर ने एक व्यापक कचरा प्रबंधन समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि खुले में कचरे को जलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, सभी अधिकारी इस नियम को सख्ती से लागू करें, जिससे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके। उन्होंने अन्य नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय में मदद का भी आश्वासन दिया ताकि शहर में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए भूमि स्थानांतरण प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जा सके।

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