पीड़ित अभ्यर्थियों के साथ न्याय मिलने तक चट्टान की तरह खड़ा रहेगा जनसुराज

पटना (बिहार), 3 जनवरी: गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि अब तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीपीएससी के आंदोलनरत बच्चों से मिलकर उनकी मांगों पर विचार करना ही होगा। लोकतंत्र में अहंकार का कोई स्थान नहीं होता। ये बच्चे बिहार के ही हैं और बिहार के मुखिया होने के नाते क्या मुख्यमंत्री को यह मालूम नहीं है कि बच्चें किस वजह से आंदोलनरत हैं ? यह तो अहंकार की पराकाष्ठा है भाई।

उक्त जानकारी देते हुए बिहार प्रदेश जनसुराज राज्य परिषद् के सदस्य प्रमोद सिंह टुन्ना ने कहा कि अब आंदोलन से एक कदम भी पीछे हटना संभव नहीं है।बिहार के बच्चों का कैरियर दांव पर है।यदि बच्चों का कैरियर ही खराब हो जाएगा तो हमें राजनीति में होने का कोई मतलब नहीं है।राज्य में पक्ष और विपक्ष दोनों ही सत्ता के लिए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

श्री टुन्ना ने आगे कहा कि बल प्रयोग कर अब बच्चों को डराया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री या उनके किसी सक्षम दूत को बच्चों के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता कर जायज मांगों पर विचार करना ही चाहिए अन्यथा आंदोलन की सारी जवाबदेही सरकार की होगी।लाठी के बल पर आखिर कब तक बच्चों की जायज मांगों को दबाते रहिएगा। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अभी तो सिर्फ गांधी मैदान का एक कोना भरा है।कल पूरा गांधी मैदान भर जाएगा,तब आपकी आंखें खूलेंगी क्या ?

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