नई दिल्ली, 04 सितंबर: कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार सिर्फ वोट चोरी ही नहीं पेट्रोल-डीजल की चोरी भी कर रही है और इसमें इथनॉल मिलाकर 50 रुपए में बेचने के दावे से मुकर कर ईंधन से लाखों करोड़ रुपए कमा रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यहां इंदिरा भवन में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार दावे कर सिर्फ सपने दिखाती है और जितने लोकलुभावने दावे करती है वे आखिर में जुमले ही साबित होते हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 से ईंधन उपकर से सरकार 38.89 लाख करोड़ रुपए जुटा चुकी है और उसकी इथनॉल मिश्रण नीति आम लोगों की कीमत पर लूट का नया खाका बन गई है। उनका कहना था कि सरकार ने इथनॉल मिलाकर डीजल पेट्रोल के दाम आधा करने की बात की थी लेकिन इसे दोगुनी कीमतों पर बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2014 में कहा था कि म्यूनिसिपल वेस्ट से जो इथनॉल बनेगा, उसके चलते पेट्रोल 55 रुपए और डीजल 50 रुपए प्रति लीटर मिलेगा। सितंबर, 2018 में गडकरी ने कहा कि सरकार द्वारा पांच इथनॉल के पांच संयंत्र लगाए जाएंगे, जहां लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट से एथेनॉल बनाया जाएगा।
सच यह है कि आज तक लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट से एक लीटर इथनॉल भी नहीं बनाया गया। इथनॉल 627 करोड़ लीटर बना है, इसमें 56 प्रतिशत गन्ना और बाकी अनाज इस्तेमाल हुआ है। इसमें कहीं भी लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ। एक लीटर इथनॉल बनाने में करीब 3,000 लीटर पानी की खपत होती है। यानी पर्यावरण को संरक्षित करने का दावा भी जुमला निकला।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर इथनॉल से कमाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके दोनों पुत्र इथनॉल को लेकर पिता की नीतियों के बल पर जबरदस्त कमाई कर रहे हैं। उनके पुत्रों की कंपनियों से सबसे ज्यादा इथनॉल की आपूर्ति हो रही है और पिता द्वारा बनाई गई पॉलिसी पर बेटे पैसा बना रहे हैं। उनकी दोनों कंपनियों का राजस्व 2024 में 55 करोड़ रुपए था जो बढकर अब 1361 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले 11 साल में कोई भी स्कीम समय से पूरी नहीं हुई लेकिन 2025 की समय सीमा से पहले देश ने 20 प्रतिशत इथनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है।
रूस से सस्ता तेल मंगा कर सरकार के नजदीकियों को फायदा होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि रूस से सस्ता कच्चा तेल आया वह मोदी के दोस्त की रिफाइनरी में गया। फिर मोदी के भतीजों की कंपनी में गया, जहां इथनॉल मिक्स हुआ, इसके बाद- दिल्ली में बैठे मोदी उस तेल में टैक्स मिला देते हैं।
देश से कहा गया कि इथनॉल से माइलेज अच्छा होगा, इंजन के रख-रखाव की चिंता ख़त्म होगी, लेकिन नीति आयोग ने कहा कि माइलेज में 6 प्रतिशत की गिरावट हुई है। साल 2023 से पहले जितने भी इंजन बने हैं वे इथनॉल के साथ उपयोगी नहीं हैं। इंजन को नुकसान दे रहे हैं जिससे लोगों की कमाई बर्बाद हो रही है। देश को बताया गया कि इथनॉल से किसानों को फायदा होगा लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं मिल रहा, फायदा गडकरी के बेटे जैसे लोग उठा रहे हैं।