देहरादून, 28 फरवरी: उत्तराखंड में भारत-तिब्बत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव में शुक्रवार पूर्वाह्न भारी बारिश और हिमपात के बीच हिमस्खलन होने से सड़क निर्माण कार्य में जुटे 57 श्रमिकों के दबने की सूचना से शासन में खलबली मच गई।

राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की महानिरीक्षक (आईजी) रिद्धिम अग्रवाल, के अनुसार अभी 15 श्रमिकों को निकाला जा चुका है। जबकि अन्य को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर, घटना पर दुख व्यक्त किया है।

श्री धामी ने लिखा, “सीमांत जनपद चमोली में माणा गांव के निकट सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान, हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।”

हिमस्खलन की घटना के बारे में एसडीआरएफ महानिरीक्षक ने बताया कि माणा गाँव, ज़िला चमोली के पास हिमस्खलन की घटना में बीआरओ के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए। उन्होंने कमांडेंट, बीआरओ के हवाले से बताया कि अब तक 15 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 42 लापता थे। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र के सटीक निर्देशांक प्राप्त किये गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा।

श्रीमती अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन द्वारा बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ड्रोन की टीम को भी तैयारी हालात में रखा गया है। भारी हिमपात होने के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि अब तक पांच और व्यक्तियों को निकाला गया है, जिनमें से तीन घायल हैं और उन्हें सेना अस्पताल, माणा में भर्ती कराया गया है, जबकि दो की हालत सामान्य है। उन्होंने बताया कि प्रभावितों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।”

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