दार अल सलाम, 08 जुलाई: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और तंजानिया ने स्थानीय मुद्राओं में व्यापारिक सौदों का निपटान शुरू कर दिया है जिससे दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
तंजानिया के दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने यहां उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और इस अफ्रीकी देश के बीच द्विपक्षीय व्यापार बहुत तेजी से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2022-23 में यह 6.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
जयशंकर ने कहा, ‘इस बात को ध्यान में रखें कि यह न केवल बहुत अच्छा द्विपक्षीय व्यापार है बल्कि यह व्यापार संतुलित भी होता जा रहा है। आपसी व्यापार में कई नए उत्पादों को जोड़ा जा रहा है। भारत तंजानिया से होने वाले निर्यात का सबसे बड़ा गंतव्य बना हुआ है।’
उन्होंने कहा कि इस बढ़ते व्यापार के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान अपनी स्थानीय मुद्राओं में करने की संभावना का मुद्दा भी समय-समय पर उठता रहा है।
इस संदर्भ में उन्होंने तंजानिया के प्रमुख उद्योगपतियों से कहा, ‘मैं आपको इस तथ्य से अवगत कराना चाहता हूं कि भारत के केंद्रीय बैंक ने इस तरह की संभावना को स्वीकृति दे दी है। इसके बाद यहां पर मौजूद तीन भारतीय बैंकों के पास यह क्षमता आ गई है कि वे एक-दूसरे देश की मुद्राओं में व्यापारिक लेनदेन संपन्न कर सकें।’
उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये और तंजानियाई शिलिंग में कुछ लेनदेन किए भी जा चुके हैं और इससे दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को प्रोत्साहित करने की एक और व्यवस्था तैयार हो गई है।
रुपये में विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करने की कोशिश में लगे भारतीय रिजर्व बैंक की स्वीकृति मिलने के बाद तंजानिया में मौजूद बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक ने स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन शुरू कर दिया है।
विदेश मंत्री ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच आर्थिक संबंधों में आई मजबूती का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का अफ्रीका के साथ कारोबार 98 अरब डॉलर का हो चुका है। इसके अलावा भारत ने अफ्रीका में 75 अरब डॉलर का निवेश भी किया हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अफ्रीका में निवेश और उसके साथ हमारा कारोबार दोनों ही बढ़ने वाला है। मैं इस बात से भी सहमत हूं कि समूचे अफ्रीका में मुक्त व्यापार व्यवस्था लागू हो जाने पर भारत के लिए यहां निवेश और व्यापार करना दोनों अधिक आसान हो जाएगा।’