गणेश जी हमेशा प्रसन्न रहने वाले देवता माने जाते हैं। गजानन की बुधवार के दिन विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, जिससे प्रसन्न होकर वे खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यदि बुधवार के दिन या चतुर्थी के दिन हम गणेश जी को उनकी पसंद की चीजें अर्पित करेंगे तो वे जल्द प्रसन्न होंगे और हमारी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। हमारे पास धन-संपदा, ज्ञान आदि की कोई कमी नहीं रहेगी।

मोदक : गणेश जी को मोदक बेहद ही प्रिय है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परशुराम जी से युद्ध के दौरान जब गजानन का एक दांत टूट गया और वे एक दंत हो गए। तब से उनको अन्य खाद्य पदार्थों को खाने में दिक्कत होने लगी, उसके बाद उनके खाने के लिए मोदक बनाया गया। गजानन ने आराम से मोदक खाए, जिससे उनका मन बेहद प्रसन्न हो उठा। इसके बाद से मोदक उनका पसंदीदा व्यंजन बन गया, इसलिए गणेश जी को जल्द प्रसन्न करने के लिए मोदक का भोग लगाते हैं।

दुर्वा : गणेश जी को पूजा में 21 दुर्वा अर्पित करने का विधान है। इसके पीछे भी एक कथा है। अनलासुर और गणपति के बीच जब भयंकर युद्ध हुआ था, तब गजानन ने अनलासुर को निगल लिया था। जिसके बाद उनके उदर में असहनीय तेज जलन होने लगी। तब कश्यप ऋषि दूर्वा की 21 गांठ बनाकर गणपति को खिलाते हैं, जिससे वे स्वस्थ हो जाते हैं।

केला : गजानन जैसा की नाम से प्रतीत है – गज मुख वाले। हाथी को केला खाना पसंद होता है। गज मुख होने के कारण गजानन को भी केला खाना पसंद है। पूजा में गणपति को केला चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं।

गेंदा का फूल : गणपति को लाल या पीले गेंदे का फूल चढ़ाया जाता है। यदि आप गेंदे के फूल की माला उनको अर्पित करें तो यह और भी अच्छा होगा।

शंख : गणेश जी की पूजा में तेज आवाज में शंख बजाने का विधान है। इसका कारण यह है कि गजानन की चार भुजाएं हैं, एक भुजा में वे शंख धारण करते हैं। इसकी आवाज उनको प्रिय है।

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