पटना, 22 जून: बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट पेपर लीक मामले में अपनी रिपोर्ट शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंपी दी। इसमें इस मामले में अब तक गिरफ्तार चार परीक्षार्थियों समेत 13 आरोपितों के बयानों की प्रति दी गई है। इसके अलावा पांच मई को पेपर लीक की सूचना के बाद छापेमारी में बरामद एडमिट कार्ड और जले प्रश्न पत्र के अवशेष की प्रति समेत अन्य दस्तावेज दिये जाएंगे।
ईओयू के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार को अब तक की जांच के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। पटना में छापेमारी से बरामद हुए नीट के जले हुए प्रश्न पत्र की कॉपी से लेकर गिरफ्तार आरोपितों के कबूलनामे तक की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस रिपोर्ट की समीक्षा करके परीक्षा के बारे में फैसला ले सकता है। इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इओयू के एडीजी नयर हसनैन खान को दिल्ली बुलाया है। वे एडीजी और एनटीए के शीर्ष अधिकारी के साथ नीट परीक्षा पर समीक्षा करेंगे, जो 25 जून को हो सकती है।
ईओयू ने रिपोर्ट में बताया है कि बीते पांच मई को हुई नीट यूजी की परीक्षा से एक दिन पूर्व ही पेपर लीक हो गया था। ईओयू ने बीते शुक्रवार यानी 21 जून तक जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसे शनिवार को उसने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी। ईओयू ने इसमें गिरफ्तार 13 आरोपितों के बयानों की प्रति भी जमा की है, जिनमें नीट अभ्यर्थी शामिल हैं। ये सभी अभी पटना के बेऊर जेल में बंद है। इसके अलावा छापेमारी में बरामद एडमीट कार्ड, जले हुए प्रश्न पत्र के अवशेष की कॉपी समेत अन्य दस्तावेज भी शिक्षा मंत्रालय को सौंपे गए हैं।
दूसरी ओर, पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने शनिवार को दावा किया कि उसने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा के संदर्भ प्रश्नपत्र प्राप्त कर लिए हैं। साथ ही पिछले महीने तलाशी अभियान के दौरान पटना के एक फ्लैट से बरामद दस्तावेजों से इनका मिलान करने की योजना बनाई है। राज्य पुलिस सूत्रों ने बताया कि ईओयू मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपितों के नार्को विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग परीक्षण कराने की संभावना भी तलाश रही है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रवर्तन निदेशालय मई में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा-राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) या नीट में कथित अनियमितताओं के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर सकता है। आर्थिक अपराध इकाई के सूत्र ने बताया कि ईओयू की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत मामले की जांच कर सकता है। केंद्रीय एजेंसी से अपराध की आय की पहचान करने और आरोपितों या संदिग्धों की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की उम्मीद है।