नई दिल्ली, 16 जून: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही का मंजर छोड़ गया जहां कम से कम 22 लोग घायल हो गए और 940 गांवों में बिजली की आपूर्ति को नुकसान पहुंचा तथा समुद्र के पास निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी।
राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया कि बिपरजॉय के असर से 115 से 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के कारण कच्छ और सौराष्ट्र के 900 गांवों में 20 बिजली के खंभे और 524 पेड़ गिरे हैं। वहीं 23 पशुओं की मौत हुई है। द्वारका में सबसे अधिक 23 पेड़ गिरे हैं और अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि कच्छ क्षेत्र अभी भी बिपरजॉय के कहर से जूझ रहा है और यहां शुक्रवार की सुबह तेज हवाएं और बारिश होती रही।
भारत मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के करीब सौराष्ट्र-कच्छ से सटे पाकिस्तान के तट को पार कर गया। बाद में यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान से गंभीर चक्रवाती तूफान की श्रेणी में बदल गया।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 24-48 घंटों के लिए क्षेत्रीय मौसम को प्रभावित करता रहेगा, जिससे उत्तरी गुजरात और दक्षिणी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश होगी।
इस बीच चक्रवाती तूफान के कमजोर पड़ने के बाद गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि कच्छ जिले में अब तक किसी के हताहत नहीं होने की रिपोर्टें नहीं है। उन्होंने बताया कि तटीय जिलों के कई हिस्सों में सड़कों की सफाई का काम चल रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की और बिपरजॉय के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी ली।