-सिविल डिफेंस वालंटियर्स को बतौर बस मार्शल किया गया था तैनात
-डीटीसी बसों में पहले सफर करना कितना था चुनौतीपूर्ण
नई दिल्ली, 11 नवंबर : दिल्ली में बस मार्शलों की नियुक्ति के मुद्दे पर सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर निशाना साधा। इस दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि महिलाएं जानती हैं कि डीटीसी बसों में पहले सफर करना कितना चुनौतीपूर्ण था। सुरक्षा की इस आवश्यकता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बसों में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बतौर बस मार्शल तैनात किया था। इन बस मार्शल की उपस्थिति से न केवल महिलाएं सुरक्षित महसूस कर रही थी, बल्कि बसों में असामाजिक तत्वों पर भी लगाम लगी थी।
उन्होंने कहा कि 2023 से इस योजना में रुकावटें आने लगीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अधिकारियों के माध्यम से बार-बार इस योजना में अड़चनें डालनी शुरू कीं। अप्रैल 2023 से बस मार्शलों की सैलरी रोक दी गई, जिससे उनके लिए आर्थिक कठिनाइयां पैदा हो गईं। इसके बाद, अक्टूबर 2023 में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इन हालातों में सिविल डिफेंस वॉलंटियर को काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आम आदमी पार्टी ने उनके समर्थन में आवाज उठाई और उनका साथ दिया।
आएगा सकारात्मक बदलाव: मुख्यमंत्री आतिशी ने आगे कहा कि लंबे संघर्ष के बाद, आखिरकार केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और बस मार्शल योजना को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया गया। दिल्ली सरकार ने अब इन बस मार्शलों को प्रदूषण के खिलाफ चल रहे अभियान में भी जोड़ा है। लेकिन, महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उनकी प्रमुखता बसों में ही बनी रहेगी। हाल ही में कई महिलाओं ने यह महसूस किया कि बस मार्शलों के बिना डीटीसी बसों में सफर करना असुरक्षित हो गया था। अब बस मार्शलों की वापसी से महिलाओं को एक बार फिर सुरक्षित माहौल मिलेगा और दिल्ली सरकार का महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किया गया यह प्रयास एक सकारात्मक बदलाव लाएगा। दिल्ली सरकार के इस कदम की सराहना की जा रही है, जिससे यह साबित होता है कि महिलाओं की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में है।